आर्सेनिक एंड मेटल रिमूवल बाय इंडियन टेक्नोलॉजी (AMRIT)

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) – मद्रास ने पानी से आर्सेनिक और धातु आयनों को हटाने के लिए ‘अमृत’/‘AMRIT’ (Arsenic and Metal Removal by Indian Technology) नामक एक तकनीक विकसित की है।

यह प्रौद्योगिकी नैनो-स्केल आयरन ऑक्सी-हाइड्रोक्साइड का उपयोग करती है, जो पानी से गुजरने पर आर्सेनिक को चुनिंदा रूप से हटा देती है। यह जल शोधक घरेलू और सामुदायिक दोनों स्तरों के लिए विकसित किया गया है।

गौरतलब है कि आर्सेनिक एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला, अर्ध धात्विक तत्व है जो पृथ्वी की क्रस्टमें प्रचुर मात्रा में प्राप्त होता है। पर्यावरण में आर्सेनिक का स्तर अलग-अलग क्षेत्रों में  अलग-अलग हो सकता है, और यह पानी, हवा और मिट्टी में पाया जाता है।

कार्बनिक आर्सेनिक यौगिकों में कार्बन होता है। अकार्बनिक आर्सेनिक यौगिकों में कार्बन नहीं होता है। शोध से पता चलता है कि अकार्बनिक आर्सेनिक अधिक विषाक्त होता है और इससे जुड़े स्वास्थ्य प्रभाव अधिक गंभीर होते हैं। सभी आर्सेनिक मनुष्यों के लिए विषाक्त हैं और किसी भी उम्र या स्वास्थ्य स्थिति के लोगों को प्रभावित कर सकते हैं।

लोगों में आर्सेनिक का सबसे आम स्रोत संदूषित पेयजल है। खनन और फ्रैकिंग, कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्रों, आर्सेनिक-उपचारित लकड़ी और आर्सेनिक युक्त कीटनाशकों से होने वाला प्रदूषण भी कुछ स्थानों पर आर्सेनिक के स्तर को बढ़ाने में योगदान देता है।

मिट्टी या पानी में इसकी मौजूदगी के कारण चावल और कुछ मछलियों सहित खाद्य पदार्थों में आर्सेनिक पाया जा सकता है। आर्सेनिक वायु प्रदूषण का एक घटक हो सकता है।

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