एमोर्फोफैलस टाइटेनम
ऑस्ट्रेलिया के जिलॉन्ग बॉटनिकल गार्डन में एमोर्फोफैलस टाइटेनम (Amorphophallus Titanum) का खिलना आकर्षण का केंद्र था। एमोर्फोफैलस टाइटेनम (जिसे संक्षेप में टाइटन अरुम कहा जाता है) फूल एक दशक में एक बार खिलता है और यह दुनिया में सबसे बड़े फूलों में से एक है – 10 फीट से अधिक ऊंचाई तक बढ़ता है।
टाइटन अरुम (एमोर्फोफैलस टाइटेनम) में दुनिया के किसी भी पौधे की तुलना में सबसे बड़ी फूल संरचना होती है, जो जमीन से 3 मीटर ऊंचाई तक बढ़ती है। टाइटन अरुम ऑस्ट्रेलिया में प्राकृतिक रूप में नहीं खिलता है।
जब पौधा जब खिलता है तो सड़ने जैसी बदबू आती है, इसलिए इसे ‘लाश का फूल’ (corpse flower) भी कहा जाता है। यह गंध इसके अल्पकालिक पुष्पन के दौरान परागणकों को आकर्षित करने में मदद करती है।
टाइटन अरुम सड़ते हुए मांस की तेज गंध उत्सर्जित करता है, जो परागणकों के समान वर्ग को आकर्षित करती है। इस प्रक्रिया को ‘सैप्रोमायोफिली’ (sapromyophily) कहा जाता है।
हालांकि टाइटन अरुम का जीवनकाल 30-40 वर्षों से अधिक का होता है, लेकिन यह कभी-कभार ही पुष्पित होता है और इन घटनाओं का पूर्वानुमान लगाना अक्सर कठिन होता है।
यह इंडोनेशिया में सुमात्रा की नेटिव प्रजाति है। इसका नेटिव क्षेत्र लकड़ी की कटाई और पाम आयल के बागानों के कारण खतरे में है। इसके अलावा, टाइटन अरुम के बारे में मिथक यह है कि यह लोगों का शिकारी है (पत्तियों के तने पर सांप जैसे निशान के कारण)। इसलिए इस पौधे को लोग अपने खेतों में नष्ट कर दी हैं।