अखिल भारतीय बाघ गणना -2022: भारत में हैं 3,682 बाघ, सबसे अधिक संख्या मध्य प्रदेश में
विश्व बाघ दिवस (29 जुलाई 2023) के अवसर पर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में केंद्रीय राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने “अखिल भारतीय बाघ गणना-2022” (All India Tiger Estimation -2022) की विस्तृत रिपोर्ट जारी की।
भारत में कुल 3,682 बाघ
अनुमान के अनुसार, भारत में बाघों की संख्या जो 2018 में 2,967 थी, वर्ष 2022 में बढ़कर 3,682 हो गई। इसके साथ ही, भारत दुनिया की लगभग 75 प्रतिशत बाघ आबादी का हैबिटेट बन गया है।
गौरतलब है कि 9 अप्रैल, 2022 को, मैसूरु में प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने के जश्न के दौरान, प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भारत में बाघों की न्यूनतम आबादी 3167 घोषित की थी, जो कैमरा-ट्रैप क्षेत्र से जनसंख्या के अनुमान पर आधारित थी। अब, कैमरा-ट्रैप्ड और गैर-कैमरा-ट्रैप्ड के आधार पर बाघ उपस्थिति क्षेत्रों से भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा किए गए डेटा के विस्तृत विश्लेषण के अनुसार बाघों की संख्या की ऊपरी सीमा 3925 और औसत संख्या 3682 होने का अनुमान है।
यह प्रति वर्ष 6.1% की सराहनीय वार्षिक वृद्धि दर को दर्शाता है। यह संख्या पिछले दशक में महत्वपूर्ण वृद्धि का भी संकेत देती है। उल्लेखनीय है कि 2014 में 2,226 बाघ रिपोर्ट किए गए थे जबकि 2010 इनकी संख्या 1,706 से अधिक थी।
बाघों की अधिकतम संख्या मध्य प्रदेश में
वर्ष 2022 के अनुमान के अनुसार राज्यों में बाघों की अधिकतम संख्या मध्य प्रदेश (785) में है, उसके बाद कर्नाटक (563), उत्तराखंड (560), और महाराष्ट्र (444) का स्थान है।
भारत के बाघ बड़े पैमाने पर 75,796 वर्ग किमी में फैले 53 समर्पित टाइगर रिज़र्व में केंद्रित हैं, जो भारत के कुल भूमि क्षेत्र का लगभग 2.3% है।
कॉर्बेट नेशनल पार्क में बाघों की अधिकतम संख्या
यदि टाइगर रिजर्व की बात की जाये तो बाघों की अधिकतम संख्या उत्तराखंड के कॉर्बेट नेशनल पार्क में (260 बाघ) है। इसके बाद बांदीपुर (150), नागरहोल (141), बांधवगढ़ (135), दुधवा (135), मुदुमलाई (114), कान्हा (105), काजीरंगा (104), सुंदरबन (100), ताडोबा (97), सत्यमंगलम (85), और पेंच-एमपी (77) में है।
मध्य भारत, शिवालिक पहाड़ियों और गंगा के मैदानी इलाकों में बाघों की आबादी में वृद्धि देखी गई, खासकर मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और महाराष्ट्र राज्यों में।
पूर्वोत्तर में, अरुणाचल प्रदेश में बाघों की आबादी में 68% की चिंताजनक गिरावट देखी गई – 2018 की 29 से घटकर 2022 में 9 बाघ दर्ज की गईं। असम में इस क्षेत्र में बाघों की सबसे अधिक संख्या 227 थी। लगभग 35% बाघ रिज़र्व क्षेत्र में हैं।