काली गर्दन वाले सारस (black-necked cranes)
भारत सरकार के अनुसार, भारतीय वन्यजीव संस्थान और भारतीय प्राणी सर्वेक्षण विभाग काली गर्दन वाले सारस (black-necked cranes) की गणना करते रहे हैं।
भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा 2016-2017 में लद्दाख क्षेत्र में किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, काली गर्दन वाले क्रेन की आबादी लगभग 66-69 थी।
अरुणाचल प्रदेश में, लगभग 11 क्रेन सर्दियों के महीनों के दौरान आती है।
काली गर्दन वाली क्रेन (ग्रस नाइग्रीकोलिस) को वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची I में सूचीबद्ध किया गया है, जिससे उन्हें सुरक्षा का उच्चतम स्तर प्राप्त होता है।
यह प्रजाति जंगली जीवों और वनस्पतियों की एंडेंजर्ड प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES ) के परिशिष्ट I और प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण पर कन्वेंशन में भी सूचीबद्ध है।
काली गर्दन वाले सारस के महत्वपूर्ण हैबिटेट को संरक्षित क्षेत्रों के रूप में अधिसूचित किया गया है, उदाहरण के लिए, लद्दाख का चांगथांग अभयारण्य।
त्सो कार वेटलैंड्स कॉम्प्लेक्स, ब्लैक-नेक्ड क्रेन के लिए एक महत्वपूर्ण आहार और प्रजनन स्थल है। इस कॉम्पलेक्स को दिसंबर 2020 में रामसर साइट के रूप में नामित किया गया है।