सरकार ने वन्यजीव व्यापार नियमों में नए संशोधन अधिसूचित किए
भारत सरकार ने 16 जनवरी, 2024 को वन्य जीवन (संरक्षण) लाइसेंसिंग (विचार के लिए अतिरिक्त मामले) नियम, 2024 (Wild Life (Protection) Licensing (Additional Matters for Consideration) Rules, 2024) को अधिसूचित किया।
मुख्य बिंदु
ये नए दिशानिर्देश सांप के जहर, कैप्टिव एनिमल्स, ट्रॉफी जानवरों (शिकार किये जाने वाले जंववरों) और स्टफ्ड एनिमल्स के व्यापार में शामिल व्यक्तियों/संस्थाओं को लाइसेंस देने से संबंधित हैं।
संशोधित अधिसूचना 16 जनवरी 2024 को लागू हुई।
वाइल्ड ट्रेड से संबंधित नियमों में यह 1983 के बाद पहला संशोधन है।
नए नियम अब कुछ प्रजातियों के व्यापार के लिए लाइसेंस देने की अनुमति देते हैं, जो पहले प्रतिबंधित थे।
1983 के नियमों के तहत वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत अनुसूची I या अनुसूची II के भाग II के तहत वर्गीकृत जंगली जानवरों के व्यापार के लिए लाइसेंस जारी करने पर रोक लगा दी गई थी। केंद्र सरकार की पूर्व मंजूरी के साथ असाधारण मामलों में लाइसेंस दिए जा सकते थे।
16 जनवरी 2024 से लागू नए दिशानिर्देश केवल अनुसूची I के तहत वर्गीकृत जंगली जानवरों के व्यापार के लिए लाइसेंस जारी करने पर रोक लगाते हैं।
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम में संशोधन
गौरतलब है कि 2022 में, केंद्र सरकार ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम में संशोधन किया था। इस संशोधन के तहत जंगली जानवरों की चार अनुसूचियों को दो में मिला दिया और छह अनुसूचियों (schedules) को घटाकर चार कर दिया।
संशोधित संशोधनों के अनुसार:
अनुसूची I (Schedule I) में अत्यधिक संरक्षण की आवश्यकता वाले जानवर शामिल हैं।
अनुसूची II (Schedule II) में तुलनात्मक रूप से कम संरक्षण की आवश्यकता वाली प्रजातियाँ शामिल हैं।
अनुसूची III (Schedule III) के तहत पौधों की प्रजातियों को सूचीबद्ध किया गया है।
अनुसूची IV (Schedule IV) वन्य जीवों और वनस्पतियों की एंडेंजर्ड प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) के तहत संरक्षित की जाने वाली प्रजातियों के लिए है।