बैंकिंग और वित्तीय धोखाधड़ी पर सलाहकार बोर्ड (ABBFF) का पुनर्गठन
केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने बैंकिंग और वित्तीय धोखाधड़ी पर सलाहकार बोर्ड (advisory board on Banking and Financial Frauds: ABBFF) का पुनर्गठन किया है।
- बैंक धोखाधड़ी के किसी मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जैसी जांच एजेंसियों द्वारा कराये जाने की सिफारिश करने से पहले यह बोर्ड प्रथम स्तर की जांच करता है।
- पुनर्गठित ABBFF की अध्यक्षता पूर्व केंद्रीय सतर्कता आयुक्त सुरेश एन पटेल करेंगे। इसमें अध्यक्ष के अलावा, चार सदस्य होते हैं और अध्यक्ष/सदस्यों का कार्यकाल 21 अगस्त से दो साल के लिए होगा।
- ABBFF को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों और सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थान में 3 करोड़ रुपये और उससे अधिक की राशि की धोखाधड़ी के मामले में अधिकारियों/पूर्णकालिक निदेशकों की भूमिका की जांच करने का अधिकार दिया गया है।
- CVC ने अब यह तय कर दिया है कि सभी PSB, सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों और सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों को ₹3 करोड़ और उससे अधिक की धोखाधड़ी के सभी मामलों को सलाह के लिए बोर्ड के पास भेजना चाहिए।
- CVC द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि यह आपराधिक जांच शुरू करने से पहले किया जाना चाहिए और सक्षम प्राधिकारी को ऐसे सभी मामलों में अधिकारियों की आपराधिकता/दुर्भावनापूर्ण भागीदारी के संबंध में ABBFF द्वारा दी गई सलाह पर विचार करना चाहिए।
- CVC या CBI किसी मामले/तकनीकी मामले को सलाह के लिए ABBFF को भी भेज सकती है।
- ABBFF को समय-समय पर वित्तीय प्रणाली में धोखाधड़ी का विश्लेषण करने और धोखाधड़ी से संबंधित नीति निर्माण के लिए RBI और CVC को इनपुट, यदि कोई हो, देने का भी अधिकार दिया गया है।
- ABBFF – जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में होगा – को आम तौर पर, प्रारंभिक रिफरेन्स प्राप्त होने के एक महीने के भीतर, मंत्रालय/विभाग/CVC या जांच एजेंसी (दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना) सहित) द्वारा मांगी गई सलाह देनी होगी।