दुर्लभ सुपरमून ब्लू मून परिघटना

19 अगस्त, 2024 को पूरे भारत में एक दुर्लभ सुपरमून (supermoon) दिखाई देगा। पूर्णिमा (फूल मून) के दिन चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट बिंदु (पेरिजी) पर होता है, इसलिए यह सामान्य रात्रियों की तुलना में बड़ा और चमकीला दिखाई देता है। इसे सुपरमून कहते हैं।

पृथ्वी के करीब होने के कारण, सुपरमून सामान्य रात्रियोंकी तुलना में 14% बड़ा और 30% अधिक चमकीला दिखाई देता है।

“सुपरमून” शब्द को खगोल भौतिकविद रिचर्ड नोले ने 1979 में न्यू मून या पूर्णिमा के रूप में गढ़ा था जो तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब 90% के भीतर होता है।

अगस्त की पूर्णिमा को अक्सर उत्तरपूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका में मूल अमेरिकी जनजातियों द्वारा “स्टर्जन मून” (Sturgeon Moon) कहा जाता है, जिसका नाम इस समय आमतौर पर पकड़ी जाने वाली बड़ी मछली के नाम पर रखा गया है।

19 अगस्त 2024 की पूर्णिमा को ‘ब्लू मून’ की भी संज्ञा दी गईहै। ब्लू मून टर्म वास्तव में किसी सीजन की चार पूर्णिमाओं में से तीसरी पूर्णिमा के लिए किया जाता है।

हालाँकि, नाम के बावजूद, ‘ब्लू मून’ का रंग नीला नहीं दिखता।

इस तरह 19 अगस्त 2024 की रात्रि वास्तव में सुपरमून ब्लू मून की परिघटना है।

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