महिला सैनिकों, नाविकों और एयर वारियर को मैटरनिटी लीव, बाल देखभाल और  दत्तक ग्रहण अवकाश का अधिकार

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों में महिला सैनिकों, सेलर्स और एयर वारियर को उनके अधिकारी समकक्षों के बराबर  मैटरनिटी लीव  (Maternity Leave), बाल देखभाल और  दत्तक ग्रहण अवकाश के नियमों का विस्तार करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि नियमों के तहत, सेना में सभी महिलाओं के लिए ऐसी छुट्टियों का अनुदान समान रूप से लागू होगा, चाहे वह अधिकारी हो या किसी अन्य रैंक की हो।

अब तक, भारतीय वायु सेना या नौसेना में कोई महिला एयर वारियर या सेलर (नाविक) नहीं थीं।

पिछले साल सरकार द्वारा अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना लाने के बाद भारतीय वायु सेना और नौसेना ने महिलाओं को अपने रैंक में शामिल करना शुरू कर दिया था। हालांकि नए प्रस्ताव का लाभ केवल उन्हीं महिला सैनिकों, नाविकों और एयर वारियर को मिलेगा जो चार साल का सेवा-काल पूरा करने के बाद योग्यता के आधार पर चयन के आधार पर तीनों सेनाओं में शामिल किए गए 25% अग्निवीरों में शामिल हैं।

ऐसा इसलिए है क्योंकि अग्निपथ योजना के नियम और शर्तें कहती हैं कि वे तब तक शादी नहीं कर सकते जब तक वे योजना के तहत चार साल की अवधि पूरी नहीं कर लेते।

तीनों सेवाओं में महिला अधिकारी वर्तमान में 180 दिनों के मातृत्व अवकाश के लिए पात्र हैं, जिसमें असाधारण मामलों में बिना वेतन के एक महीने की अतिरिक्त छुट्टी और गर्भपात या गर्भ की चिकित्सकीय समाप्ति की स्थिति में 30 दिनों की छुट्टी का प्रावधान है।

केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय मातृत्व हितलाभ अधिनियम, 1961 (Maternity Benefit Act, 1961) को लागू कर रहा है, जिसे मातृत्व हितलाभ (संशोधन) अधिनियम, 2017 के माध्यम से संशोधित किया गया है।

यह अधिनियम महिला कर्मियों को सवेतन मातृत्व अवकाश और प्रतिष्ठानों द्वारा क्रेच सुविधाओं का प्रावधान करता है। 2017 में संशोधित मातृत्व हितलाभ अधिनियम, 1961 की धारा 5 के तहत, सरकार ने सवेतन मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया है, जिसमें से अधिकतम आठ सप्ताह का सवेतन मातृत्व अवकाश  अपेक्षित प्रसव की तारीख से पहले लिया जा सकता है।

किसी महिला को सौंपे गए कार्य की प्रकृति के आधार पर, अधिनियम की धारा 5(5) ऐसी अवधि के लिए और ऐसी शर्तों पर वर्क फॉर होम का प्रावधान करती है, जिस पर नियोक्ता और महिला परस्पर सहमत हो सकते हैं।

सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 में सवैतनिक मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह करने, 50 या अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों में अनिवार्य क्रेच सुविधा का प्रावधान, पर्याप्त सुरक्षा उपायों के साथ रात की पाली में महिला श्रमिकों को कार्य करने की अनुमति देने आदि के प्रावधान हैं।

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