‘इंडो-बर्मीज पेंगोलिन’ नामक एक नई पैंगोलिन प्रजाति की पहचान
भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (Zoological Survey of India – ZSI) के वैज्ञानिकों ने इंडो-बर्मीज पेंगोलिन (Manis indoburmanica) नामक एक नई पैंगोलिन प्रजाति की पहचान की है, जो लगभग 3.4 मिलियन वर्ष पहले चीनी पेंगोलिन (Manis pentadactyla) से अलग हो गई थी।
इस प्रजाति का विकास संभवतः इंडो-बर्मा क्षेत्र में हुए नाटकीय भू-जलवायवीय परिवर्तनों से प्रभावित हुआ, जिसे दुनिया के जैव विविधता हॉटस्पॉट्स में से एक माना जाता है। इस खोज का विवरण जर्नल मेमालियन बायोलॉजी में प्रकाशित शोधपत्र ‘Indo‐Burmese pangolin (Manis indoburmanica): a novel phylogenetic species of pangolin evolved in Asia’ में दिया गया है।
यह माना जाता है कि यह प्रजाति प्लायोसीन और प्लाइस्टोसीन युगों के दौरान अलगाव में विकसित हुई, जिसे जलवायु और भूवैज्ञानिक परिवर्तनों ने प्रभावित किया। यह वर्तमान में अरुणाचल प्रदेश, असम और संभवतः नेपाल, भूटान और म्यांमार में प्राप्त होती है।
पेंगोलिन के बारे में जानकारी
पेंगोलिन दुनिया के सबसे अधिक तस्करी किए जाने वाले जंगली स्तनधारियों में से हैं। ये एकांतप्रिय और मुख्य रूप से निशाचर (रात में सक्रिय) जानवर हैं। इनकी पहचान उनके पूरे शरीर को ढकने वाले मजबूत स्केल्स से की जाती है। इन्हें “स्केली एंटइटर्स” (पपड़ीदार चींटीखोर) कहा जाता है, क्योंकि इनका मुख्य आहार चींटियां और दीमक हैं।
पेंगोलिन की आठ प्रजातियां दो महाद्वीपों (एशिया और अफ्रीका) में पाई जाती हैं। भारत में दो प्रजातियां पाई जाती हैं:
- भारतीय पेंगोलिन (Manis crassicaudata) – पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है।
- चीनी पेंगोलिन (Manis pentadactyla) – दक्षिण एशिया के बड़े क्षेत्र में पाया जाता है।
बिहार, पश्चिम बंगाल और असम में दोनों प्रजातियां पाई जाती हैं।