सिविल यूनियन (Civil Union) क्या है?
“सिविल यूनियन” (civil union) उस कानूनी दर्जे का द्योतक है जो समलैंगिक जोड़ों (same-sex couples) को ऐसे विशिष्ट अधिकार और जिम्मेदारियां प्रदान करती है जो आम तौर पर विवाहित जोड़ों को प्रदान की जाती हैं।
हालांकि एक सिविल यूनियन एक विवाह जैसा होता है और इसके साथ रोज़गार, विरासत, संपत्ति और माता-पिता के अधिकार भी प्राप्त होते हैं, लेकिन दोनों के बीच कुछ अंतर हैं।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 122 के तहत पति-पत्नी के विशेषाधिकार के समान इन्हें भी अधिकार प्राप्त होते हैं।
सिविल यूनियन और विवाह के बीच एक बड़ा अंतर यह था कि सिविल यूनियन को अमेरिका में कुछ राज्यों द्वारा मान्यता दी गई थी, न कि संघीय कानून द्वारा। इससे ऐसी स्थिति पैदा हो गई जहां ऐसे जोड़े सभी राज्यों में समान रूप से सिविल यूनियन में होने के लाभों का आनंद नहीं ले सके।
चूँकि अमेरिका में एक ऐसी प्रणाली थी जहाँ राज्यों को अपने स्वयं के विवाह कानून निर्धारित करने होते थे, इसलिए सिविल यूनियन मान्यता में असमानता मौजूद थी। संयुक्त राज्य अमेरिका उन देशों में से एक है जो समलैंगिक संबंधों की अनुमति देता है।
जहां सिविल यूनियन कानूनी दर्जा से सम्बंधित है वहीं विवाह के साथ परंपरा और संस्कृति भी जुड़ी होती है। भारत में पर्सनल कानूनों में इसे मान्यता नहीं है।
हाल ही में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने समलैंगिक जोड़ों के विवाह करने या सिविल यूनियन बनाने के अधिकार को मान्यता देने से इनकार कर दिया।