केरल में 91वीं शिवगिरी तीर्थयात्रा शुरू हुई
केरल में 91वीं शिवगिरी तीर्थयात्रा (Sivagiri pilgrimage) 30 दिसंबर को शुरू हुई। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महान समाज सुधारक श्री नारायण गुरु (Narayana Guru) ने लोगों को विभाजित करने वाले सभी जातिगत मतभेदों को दूर करने, मानवता पर आधारित एकता की भावना को मजबूत करने के लिए शिवगिरी तीर्थयात्रा की अनुमति दी थी।
शिवगिरि तीर्थयात्रा
बता दें कि शिवगिरि तीर्थयात्रा हर साल तिरुवनंतपुरम के शिवगिरि में 30 दिसंबर से 1 जनवरी तक तीन दिनों के लिए आयोजित की जाती है।
शिवगिरी मठ केरल के तिरुवनंतपुरम जिले के वर्कला शहर में एक प्रसिद्ध पर्यटक तीर्थ स्थान है। शिवगिरी तीर्थयात्रा, जिसे मलयालम में शिवगिरी तीर्थदानम के नाम से जाना जाता है, मठ में मनाया जाने वाला एक और महत्वपूर्ण त्योहार है।
तीर्थ यात्रा के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से पीली पोशाक में हजारों तीर्थयात्री गुरु श्री नारायण गुरु की समाधि पर इकट्ठा होते हैं।
श्री नारायण गुरु ने “एक जाति, एक धर्म और एक भगवान” का नारा दिया था।
पहली शिवगिरी तीर्थयात्रा 1 जनवरी, 1933 को आयोजित की गई थी और थी केवल पाँच तीर्थयात्रियों ने इसमें भाग लिया। अब यह दुनिया भर से आने वाले भक्तों के साथ एक विशाल तीर्थस्थल बन गया है।
शिवगिरी मठ, श्री नारायण धर्म संघम का मुख्यालय भी है, जो महान सुधारक श्री नारायण गुरु के शिष्यों और अनुयायियों का संगठन है। यहीं पर समाज सुधारक और संत श्री नारायण गुरु ने 1928 में अंतिम सांस ली थी।
इसी जगह पर श्री नारायण गुरु के निरीक्षण में सरस्वती या शारदा मंदिर का निर्माण हुआ था जिसका डिज़ाइन उन्होंने ही तैयार किया था।