तिब्बत में भूकंप से 120 से अधिक लोगों की मौत
7 जनवरी की सुबह तिब्बत के सुदूर क्षेत्र में 7.1 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें 120 से अधिक लोगों की जान चली गई। इस भूकम्प के झटके नेपाल, भूटान और उत्तरी भारत में भी महसूस किये गए। इस भूकंप का अधिकेन्द्र (एपिसेंटर) माउंट एवरेस्ट से लगभग 75 किलोमीटर उत्तर पूर्व में चीन-नेपाल सीमा के पास टिंगरी काउंटी में स्थित था।
टिंगरी तिब्बत में एक ग्रामीण काउंटी है जो एवरेस्ट क्षेत्र के उत्तरी प्रवेशद्वार के रूप में कार्य करता है। यह अधिकेंद्र तिब्बती बौद्ध धर्म के एक महत्वपूर्ण शहर शिगात्से के निकट था। यह शहर पंचेन लामा का घर है।
तिब्बती पठार का निर्माण भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट के बीच चल रहे टकराव से हुआ है, जो 55 मिलियन वर्ष पहले शुरू हुआ था। भारतीय प्लेट हर साल लगभग 5 सेंटीमीटर की दर से यूरेशियन प्लेट के नीचे खिसक रही है, जिसके कारण हिमालय धीरे-धीरे ऊँचा हो रहा है।
भूकंप (earthquake)
भूकंप तब होता है जब टेक्टोनिक प्लेट्स किसी फॉल्ट प्लेन के साथ खिसकती हैं, जिससे सिस्मिक वेव्स के रूप में ऊर्जा मुक्त होती है।
हाइपोसेन्टर वह स्थान है जो पृथ्वी की सतह के नीचे होता है जहाँ खिसकाव शुरू होता है, और एपिसेंटर सतह पर ठीक उसके ऊपर स्थित होता है।
P तरंगें (प्राथमिक तरंगें): सबसे तेज गति से चलती हैं, जिससे अनुदैर्ध्य (longitudinal) संपीड़न होता है। वे ठोस, तरल और गैसों से होकर गुजर सकती हैं।
S तरंगें (द्वितीयक तरंगें): धीमी, अनुप्रस्थ कंपन (transverse shaking) पैदा करने वाली होती हैं। वे केवल ठोस पदार्थों के माध्यम से यात्रा करते हैं।
सिस्मोमीटर यंत्र भूकंप की तीव्रता और स्थान का पता लगाने के लिए इन तरंगों को मापते हैं।