3HP टीबी निवारक उपचार

मार्च 2023 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 3HP नामक लघु अवधी वाले टीबी निवारक उपचार (TPT) का अखिल भारतीय रोलआउट किया था।  3HP के तहत  12 सप्ताह तक सप्ताह में एक बार आइसोनियाज़िड-राइफापेंटाइन (once-weekly isoniazid-rifapentine for 12 weeks) की खुराक लेनी पड़ती है।

हालाँकि कुछ राज्यों को अभी तक 3HP संयोजन दवा प्राप्त नहीं हुई है। तमिलनाडु और केरल ने दवा की आपूर्ति नहीं मिलने के बावजूद टीबी निवारक उपचार के लिए 3HP का उपयोग शुरू कर दिया है।

वर्तमान में, जिस व्यक्ति में हाल ही में पल्मोनरी टीबी की पुष्टि की गयी है, उसके सभी घरेलू संपर्कों का टीबी रोग के लिए परीक्षण किया जाता है और जिन लोगों को टीबी रोग नहीं है, लेकिन वे बैक्टीरिया से संक्रमित हो गए हैं, उन्हें अव्यक्त संक्रमण (latent infection) को टीबी रोग में बढ़ने से रोकने के लिए उपचार की सलाह दी जाती है।

छह महीने के लिए आइसोनियाज़िड की दैनिक खुराक, जो कि वर्तमान उपचार प्रोटोकॉल है, 180 गोलियों में तब्दील हो जाती है। इसके विपरीत, तीन महीनों के लिए प्रति सप्ताह एक संयोजन दवा की 3HP खुराक कुल मिलाकर 12 गोलियों में तब्दील हो जाती है।

लेटेंट टीबी संक्रमण वाले व्यक्ति बीमार महसूस नहीं करते हैं और उनमें कोई लक्षण नहीं होते हैं। वे एम. ट्यूबरकुलोसिस से संक्रमित होते हैं, लेकिन उन्हें टीबी की बीमारी नहीं होती है।

टीबी संक्रमण का एकमात्र संकेत ट्यूबरकुलिन त्वचा परीक्षण या टीबी रक्त परीक्षण (TB blood test) पर सकारात्मक प्रतिक्रिया है।

लेटेंट टीबी संक्रमण वाले व्यक्ति संक्रामक नहीं होते हैं और दूसरों में टीबी संक्रमण नहीं फैला सकते हैं।

error: Content is protected !!