36वीं अंतरराष्ट्रीय भूगर्भीय कांग्रेस

36वीं अंतरराष्ट्रीय भूगर्भीय कांग्रेस (International Geological Congress: IGC) 20-22 मार्च, 2022 को एक वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर नयी दिल्ली में आयोजित की जाएगी। इसकी थीम है “ भूविज्ञान : एक सतत भविष्य के लिए मूलभूत विज्ञान ‘‘ (Geosciences: The Basic Science for a Sustainable Future) .

  • 36वीं आईजीसी खान मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी तथा बांग्ला देश, नेपाल तथा श्रीलंका की विज्ञान अकादमियों का एक संयुक्त प्रयास है।

अंतरराष्ट्रीय भूगर्भीय कांग्रेस (IGC)

  • भूविज्ञान के ओलंपिक कहे जाने वाले आईजीसी का आयोजन आईजीसी के वैज्ञानिक प्रायोजक, इंटरनेशनल यूनियन ऑफ जियोलॉजिकल कांग्रेस ( आईयूजीएस ) के तत्वाधान में चार वर्षों में एक बार किया जाता है।
  • वे दुनिया भर से लगभग 5000-7000 तक शिष्टमंडलों के प्रतिनिधियों की सहभागिता आकर्षित करते हैं।
  • 58 वर्ष पहले भारत ने अंतरराष्ट्रीय भूगर्भीय कांग्रेस के 22वें सत्र की मेजबानी की थी जो एशिया की भूमि पर आयोजित होने वाली पहली आईजीसी थी।

क्या है जियोसाइंस (Geoscience)?

  • USGS के अनुसार, जियोसाइंस (जिसे पृथ्वी विज्ञान भी कहा जाता है) पृथ्वी का अध्ययन है।
  • जियोसाइंस में चट्टानों और ज्वालामुखियों की तुलना में बहुत अधिक शामिल है, यह उन प्रक्रियाओं का अध्ययन करता है जो पृथ्वी की सतह को बनाते हैं और आकार देते हैं, हमारे द्वारा उपयोग किए जाने वाले प्राकृतिक संसाधन, और पानी और पारिस्थितिक तंत्र आपस में कैसे जुड़े हैं, ये सब जियोसाइंस के तहत आते हैं।

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