वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) रिपोर्ट 2024

 वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) रिपोर्ट 2024 संयुक्त रूप से संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और ऑक्सफोर्ड पावर्टी और ह्यूमन डेवलपमेंट इनिशिएटिव (OPHI) द्वारा जारी की गई है।

वर्ष 2024 की वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) रिपोर्ट हिंसक संघर्ष के आंकड़ों को बहुआयामी गरीबी के आंकड़ों के साथ मिलाती है ताकि देशों और समय के साथ उनके अंतर्संबंधों को बेहतर ढंग से समझा जा सके।

MPI 2024 के परिणाम दर्शाते हैं कि 6.3 बिलियन लोगों में से 1.1 बिलियन लोग तीव्र बहुआयामी गरीबी में जीवन जी रहे हैं, जिनमें से आधे से अधिक बच्चे हैं।

गरीबी में रहने वाले लोगों की सबसे बड़ी संख्या वाले पांच देश भारत (234 मिलियन) हैं, पाकिस्तान (93 मिलियन), इथियोपिया (86 मिलियन), नाइजीरिया (74 मिलियन) और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (66 मिलियन) है। इनमें से भारत  मध्यम HDI वाला है जबकि शेष चार देश निम्न HDI वाले हैं।

इन पांच देशों में कुल 1.1 बिलियन गरीब लोगों में से लगभग आधे (48.1 प्रतिशत) लोग रहते हैं। 83.7 प्रतिशत गरीब लोग ग्रामीण इलाकों में रहते हैं।

दुनिया के सभी क्षेत्रों में ग्रामीण इलाकों के लोग शहरी इलाकों के लोगों की तुलना में गरीब हैं।  दुनिया के 1.1 बिलियन बहुआयामी गरीब लोगों में से 83.2 प्रतिशत लोग उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशिया में रहते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के 455 मिलियन गरीब लोग हिंसक संघर्ष वाले देशों में रहते हैं, जो गरीबी को कम करने के लिए कड़ी मेहनत से की गई प्रगति में बाधा डाल रहे हैं और यहां तक कि इसे उलट भी रहे हैं।  

बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI)  2010 में जारी होना शुरू हुआ। , वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI)  सबसे वल्नरेबल लोगों की पहचान करने के लिए एक विश्लेषणात्मक टूल के रूप में सहायक रहा है।

बहुआयामी गरीबी सूचकांक  (MPI) यूएनडीपी के मानव विकास रिपोर्ट कार्यालय द्वारा प्रकाशित किया जाता है और तीन आयामों (डायमेंशन) और  10 संकेतकों में अभाव (deprivation) को ट्रैक करता है।

ये आयाम हैं; स्वास्थ्य (बाल मृत्यु दर, पोषण), शिक्षा (स्कूली शिक्षा के वर्ष, नामांकन), और जीवन स्तर (पेयजल, सैनिटेशन, बिजली, रसोई ईंधन, फ्लोर, संपत्ति)। 

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