हिमाचल प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश में तीन बल्क ड्रग पार्कों के निर्माण की ‘सैद्धांतिक’ मंजूरी

केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत औषध विभाग ने “बल्क ड्रग पार्क प्रोत्साहन” (Promotion of Bulk Drug Parks) की योजना के तहत तीन राज्यों- हिमाचल प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश के प्रस्तावों को ‘सैद्धांतिक’ मंजूरी दी है।

हिमाचल प्रदेश में ऊना जिले के तहसील हरोली में 1402.44 एकड़ भूमि पर, गुजरात के भरूच जिले के जम्बूसर तहसील में 2015.02 एकड़ जमीन पर और आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के थोंडागी मंडल के केपी पुरम व कोढ़ाहा के 2000.45 एकड़ भूमि पर बल्क ड्रग्स पार्कों का निर्माण किया जाएगा।

यह देश में बल्क ड्रग विनिर्माण को सहायता देने के लिए शुरू की गई एक प्रमुख पहल है।

इस योजना को साल 2020 में 3,000 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ अधिसूचित किया गया था।

यह बल्क ड्रग पार्कों की स्थापना के लिए तीन राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।

इसका उद्देश्य केंद्र सरकार द्वारा समर्थित विश्व स्तरीय सामान्य बुनियादी सुविधाओं का निर्माण करके बल्क ड्रग के विनिर्माण की लागत को कम करना है और इसके माध्यम से घरेलू बल्क ड्रग उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता में बढ़ोतरी करना है।

भारतीय औषध उद्योग आकार के आधार पर विश्व में तीसरा सबसे बड़ा उद्योग है। भारत ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1,75,040 करोड़ रुपये के दवाओं का निर्यात किया, जिसमें बल्क ड्रग्स/ड्रग इंटरमीडिएट शामिल हैं। इसके अलावा भारत विश्व में सक्रिय औषधीय घटकों ( Active Pharma Ingredients: API) या बल्क ड्रग के प्रमुख उत्पादकों में से एक है।

भारत ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में 33,320 करोड़ रुपये मूल्य की बल्क ड्रग्स/ड्रग इंटरमीडिएट्स का निर्यात किया।

भारत में कई देशों से दवाओं के विनिर्माण के लिए विभिन्न बल्क ड्रग्स/API का भी आयात किया जाता है।

देश में बल्क ड्रग/API का अधिकांश आयात आर्थिक कारणों से किया जा रहा है। सरकार, आयात पर देश की निर्भरता को कम करने और स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। औषध विभाग, देश को API और ड्रग इंटरमीडिएट्स में आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू कर रहा है। इसके तहत प्रमुख पहलों में से एक बल्क ड्रग पार्क की योजना भी है।

बल्क ड्रग

एक बल्क ड्रग, जिसे एक सक्रिय फार्मास्युटिकल घटक (active pharmaceutical ingredient: API) भी कहा जाता है, एक दवा का प्रमुख घटक है, जो इसे वांछित चिकित्सीय प्रभाव देता है या इच्छित औषधीय एक्टिविटी का उत्पादन करता है।

API कई रिएक्शंस से तैयार किए जाते हैं जिनमें रसायनों और सॉल्वैंट्स शामिल होते हैं। प्राथमिक रसायन या मूल कच्चा माल (basic raw material) जो API बनाने के लिए रिएक्शंस से गुजरता है, मुख्य प्रारंभिक सामग्री (key starting material) या KSM कहलाता है।

इन रिएक्शंस के दौरान मध्यवर्ती चरणों के दौरान बनने वाले रासायनिक यौगिकों को ड्रग इंटरमीडिएट या डीआई (drug intermediates or DIs) कहा जाता है।

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