सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत को गैर-बासमती चावल पर निर्यात प्रतिबंध हटाने के लिए आग्रह किया है। गौरतलब है कि भारत सरकार ने आगामी त्योहारी सीजन के दौरान घरेलू आपूर्ति को बनाये रखने और इसकी रिटेल प्राइस को नियंत्रण में रखने के लिए 20 जुलाई को गैर-बासमती सफेद चावल (non-basmati white rice) के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया, जो देश के कुल चावल निर्यात का लगभग 25% है।
भारत से गैर-बासमती सफेद चावल का कुल निर्यात 2022-23 में 4.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर था, जबकि पिछले वर्ष में यह 2.62 मिलियन अमेरिकी डॉलर था।
भारत के गैर-बासमती सफेद चावल निर्यात के प्रमुख गंतव्यों में अमेरिका, थाईलैंड, इटली, स्पेन और श्रीलंका शामिल हैं।
भारत दुनिया का शीर्ष चावल निर्यातक है। भारत ने 2022 में रिकॉर्ड 22.2 मिलियन टन चावल का निर्यात किया, जो 55.4 मिलियन टन के वैश्विक चावल निर्यात का 40% से अधिक है।
भारत ने 2022 में ज्यादातर गैर-बासमती चावल का निर्यात किया: कुल 22.2 मिलियन टन चावल निर्यात में से 17.86 मिलियन टन गैर-बासमती चावल था, जिसमें 10.3 मिलियन टन गैर-बासमती सफेद चावल भी शामिल था।
भारत ने सितंबर 2022 में चावल के कुछ ग्रेडों पर 20% शुल्क भी लगाया था।
बता दें कि भारत साल में दो बार धान की फसल उगाता है: गर्मियों में बोई जाने वाली फसल, जो जून में बोई जाती है और देश में चावल के कुल उत्पादन में 80% से अधिक का योगदान देता है। सर्दियों में बोई जाने वाली फसल मुख्य रूप से मध्य और दक्षिणी राज्यों में उगाई जाती है।
पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश देश के सबसे बड़े चावल उत्पादक राज्य हैं।
चावल की अधिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए, हाल में भारत सरकार ने सामान्य धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 7% बढ़ाकर 2,183 रुपये प्रति 100 किलोग्राम कर दिया था।