संयुक्‍त राष्‍ट्र मरुस्‍थलीकरण रोकथाम अभिसमय (UNCCD) के पक्षकारों का 15 वां सम्मेलन (COP-15)

संयुक्‍त राष्‍ट्र मरुस्‍थलीकरण रोकथाम अभिसमय (UN Convention to Combat Desertification: UNCCD) के पक्षकारों का 15 वां सम्मेलन (CoP15) 9 मई 2022 को आइवरी कोस्ट के आबिदजान में शुरू हुआ। CoP15 का आयोजन 9 से 20 मई तक “भूमि, जीवन और विरासत: अभाव से समृद्धि की ओर’ (Land. Life. Legacy: From scarcity to prosperity) थीम की साथ हो रहा है।

“आंकड़ों में सूखा 2022” (Drought in Numbers, 2022 ) रिपोर्ट

  • सम्मेलन के दौरान, “आंकड़ों में सूखा 2022” (Drought in Numbers, 2022 ) रिपोर्ट 11 मई को जारी की गई। रिपोर्ट के अनुसार, 21 वीं सदी की शुरुआत के बाद से दुनिया भर में सूखे की आवृत्ति और अवधि खतरनाक दर से बढ़ रही है।
  • भारत को गंभीर रूप से सूखा प्रभावित देशों में से एक के रूप में मूल्यांकन में शामिल किया गया है। वर्ष 2020-2022 के दौरान देश के लगभग दो-तिहाई हिस्से को सूखे का सामना करना पड़ा। भारत वैश्विक सूखा सुभेद्यता सूचकांक (Global Drought Vulnerability Index) में शामिल है, जो आकलन का हिस्सा है।
  • भौगोलिक रूप से, भारत की सूखे की वल्नेरेबिलिटी की तुलना उप-सहारा अफ्रीका से की जाती है।
  • वर्ष 1997 के बाद से भारत के सूखा-प्रवण क्षेत्र में 57 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारत के एक तिहाई जिलों ने पिछले एक दशक में चार से अधिक सूखे का सामना किया है और हर साल 50 मिलियन लोग सूखे से प्रभावित होते हैं।

संयुक्‍त राष्‍ट्र मरुस्‍थलीकरण रोकथाम अभिसमय ( UNCCD)

  • संयुक्‍त राष्‍ट्र मरुस्‍थलीकरण रोकथाम अभिसमय ( UNCCD) 17 जून, 1994 को अंगीकार किया गया था तथा 26 दिसंबर, 1996 को प्रभावी हुआ।
  • यह जलवायु परिवर्तन पर संयुक्‍त राष्‍ट्र फ्रेमवर्क सम्‍मेलन (UNFCCC) और जैव विविधता कन्वेंशन (CBD) के साथ तीन रियो सम्‍मेलनों में से एक है।
  • भारत ने UNCCD पर 14 अक्‍टूबर, 1994 को हस्‍ताक्षर किए थे और 17 दिसंबर, 1996 को इसकी पुष्टि की थी।
  • केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय UNCCD का नोडल मंत्रालय है।
  • मई 2021 तक विश्व के 197 देश इस कन्वेंशन के पक्षकार हैं।
  • संयुक्‍त राष्‍ट्र मरुस्‍थलीकरण रोकथाम अभिसमय ( UN Convention to Combat Desertification: UNCCD) पर्यावरण और विकास को सतत भूमि प्रबंधन से जोड़ने वाला कानूनी रूप से बाध्यकारी एकमात्र अंतरराष्ट्रीय समझौता (sole legally binding international agreement) है।
  • यह कन्वेंशन विशेष रूप से शुष्क, अर्ध-शुष्क और शुष्क उप-आर्द्र क्षेत्रों को संबोधित करता है, जिन्हें शुष्क भूमि ( drylands,) के रूप में जाना जाता है, जहां कुछ सबसे नाजुक पारिस्थितिक तंत्र और वल्नरेबल लोग पाए जाते हैं।

UNCCD के पक्षकारों के 14वें सम्मेलन (COP-14)

  • संयुक्‍त राष्‍ट्र मरुस्‍थलीकरण रोकथाम अभिसमय ( UN Convention to Combat Desertification: UNCCD) के पक्षकारों के 14वें सम्मेलन (COP-14) 2 से 13 सितंबर, 2019 को ग्रेटर नोएडा में “रिस्टोर लैंड, सस्टेन फ्यूचर” थीम के साथ आयोजित हुआ था।
  • इसमें 13 सितंबर, 2019 को ‘दिल्ली घोषणापत्र’ जारी किया गया था।
  • इस सम्मेलन में   भारत ने वर्ष 2030 तक तक 26 मिलियन हेक्टेयर तक डीग्रेडेड भूमि की पुनर्वाहाली का लक्ष्य निर्धारित किया था।

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