संतूर वादक भजन सोपोरी का निधन

Image: Bhajan Sopori Twitter

संतूर वादक भजन सोपोरी (73) का गुरुग्राम के एक अस्पताल में 2 जून को निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे। कुछ ही समय पहले पंडित शिवकुमार शर्मा जी का निधन हुआ और अब पंडित भजन सोपोरी (Bhajan Sopori) नहीं रहे। ये संतूर के दो शिखर थे।

  • उनका जन्म वर्ष 1948 में श्रीनगर में हुआ था। सोपोरी सूफियाना घराने से आते थे। उनका पूरा नाम भजन लाल सोपोरी है और इनके पिता पंडित एसएन सोपोरी भी एक संतूर वादी थे।
  • संतूर को एकल संगीत वाद्य के रूप में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर स्थापित करने का श्रेय पंडित भजन सोपोरी को दिया जाता है।
  • उन्होंने ‘सा मा पा’ (सोपोरी अकादमी, संगीत और प्रदर्शन कला के लिए ) नामक एक संगीत अकादमी भी शुरू की है।
  • सोपोरी को उनके करियर में कई पुरस्कारों से नवाज़ा गया। इनमें 2004 में पद्म श्री, 1992 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और जम्मू कश्मीर स्टेट लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड शामिल है।
  • पंडित भजन सोपोरी जी ने तीन रागों की रचना की है। इनमें राग लालेश्वरी, राग पटवंती और राग निर्मल रंजनी है।
  • वर्ष 2011 में, सोपोरी को कला और संस्कृति के क्षेत्र में उनके असाधारण कार्य के लिए भारतीय डाक विभाग द्वारा एक विशेष स्मारक ₹ 5 टिकट से सम्मानित किया गया था।

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