श्री राजीव कुमार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया गया
राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 324 (2) के तहत भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) में सबसे वरिष्ठ निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त (Chief Election Commissioner: CEC) के रूप में नियुक्त किया है। श्री राजीव कुमार 14 मई, 2022 को श्री सुशील चंद्रा के मुख्य निर्वाचन आयुक्त के पद से हटने के बाद 15 मई, 2022 से मुख्य निर्वाचन आयुक्त के पद का कार्यभार ग्रहण करेंगे। श्री कुमार ने 1 सितंबर, 2020 को भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) के चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाला था। चुनाव आयोग में कार्यभार संभालने से पहले, कुमार सार्वजनिक उद्यम चयन बोर्ड के अध्यक्ष थे। वह अप्रैल 2020 में PESB के अध्यक्ष के रूप में शामिल हुए थी। श्री राजीव कुमार , बिहार/झारखंड कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1984 बैच के एक अधिकारी थे और फरवरी 2020 में IAS से सेवानिवृत्त हुए थे।
- भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 में चुनाव केअधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण के लिए निर्वाचन आयोग के गठन का प्रावधान है।
- यह लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं, देश के राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के चुनावों का संचालन करता है।
- राज्यों में पंचायतों और नगरपालिकाओं के चुनाव राज्य चुनाव आयोग द्वारा संचालित होता है और भारत के चुनाव आयोग का इससे सम्बन्ध नहीं है।
- भारत निर्वाचन आयोग में मूल रूप से केवल एक चुनाव आयुक्त का प्रावधान था, लेकिन राष्ट्रपति नेअधिसूचना जारी कर16 अक्तूबर, 1989 को इसे तीन सदस्यीय बना दिया गया। हालांकि कुछ समय के लिये इसे एक सदस्यीय आयोग बना दिया गया। फिर से 1 अक्तूबर, 1993 को भारत निर्वाचन आयोग तीन सदस्यीय आयोग हो गया। तब से निर्वाचन आयोग में एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्त होते हैं।
- मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- इनका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, दोनों में से जो भी पहले हो, तक होता है।
- इन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के समकक्ष दर्जा प्राप्त होता है और समान वेतन एवं भत्ते मिलते हैं।
- संविधान के अनुच्छेद 324 (5) के प्रावधान मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) को मनमाने ढंग से हटाने से रक्षा करता है। मुख्य चुनाव आयुक्त को सुप्रीम कोर्ट के जज की तरह ही राष्ट्रपति के आदेश से ही पद से हटाया जा सकता है।
- हालांकि, अन्य दो चुनाव आयुक्तों को हटाने की प्रक्रिया के बारे में संविधान खामोश है। यह केवल यह प्रावधान करता है कि मुख्य चुनाव आयुक्त की सिफारिश के अलावा उन्हें उनके पद से नहीं हटाया जा सकता है।
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