शुष्क जड़ सड़न (dry root rot) रोग
भारतीय वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगाया है कि शुष्क जड़ सड़न (dry root rot) रोग के लिए उच्च तापमान वाले सूखे की स्थिति और मिट्टी में नमी की कमी अनुकूल परिस्थितियां हैं। यह रोग चने की जड़ और तना को नुकसान पहुंचाता है। यह कार्य रोग का प्रतिरोध करने के क्षेत्र में विकास और बेहतर प्रबंधन रणनीतियों के लिए उपयोगी होगा।
- शुष्क जड़ सड़न रोग के कारण पौधे की ताकत कम हो जाती है, पत्तों का हरा रंग फीका पड़ जाता है, वृद्धि धीमी कम हो जाती है और तना मर जाता है। अगर बड़े पैमाने पर जड़ को नुकसान होता है, तो पौधे की पत्तियां अचानक मुरझाने के बाद सूख जाती हैं।
- वैश्विक औसत तापमान में बढ़ोतरी के कारण पौधे में रोग पैदा करने वाले नए रोगाणुओं के बारे में अब तक अधिक जानकारी नहीं है। इनमें एक मैक्रोफोमिना फेजोलिना भी शामिल है। यह एक एक मिट्टी जनित नेक्रोट्रोफिक (परपोषी) है, जो चने में जड़ सड़न रोग का कारण बनता है।
- वर्तमान में भारत के मध्य और दक्षिण के राज्यों की पहचान डीआरआर रोग से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र के रूप में की गई है। इन राज्यों में चने की फसल का कुल 5 से 35 फीसदी हिस्सा संक्रमित होता है।