वेज़ एंड मीन्स एडवांस (WMA) की सीमा

भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 अप्रैल को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए वेज़ एंड मीन्स एडवांस (WMA) लिमिट 51,560 करोड़ रुपये से घटाकर 47,010 करोड़ रुपये कर दी।

  • प्राप्तियों (receipts) और भुगतानों (payments) में किसी भी बेमेल से निपटने के लिए RBI द्वारा सरकार को अस्थायी रूप से वेज़ एंड मीन्स एडवांस दिए जाते हैं।
  • RBI केंद्र और राज्य सरकारों को अस्थायी ऋण की सुविधा उपलब्ध कराता है। इस ऋण सुविधा को वेज़ एंड मीन्स एडवांस (WMA) कहा जाता है।

क्या है वेज़ एंड मीन्स एडवांस (WMA) ?

  • वेज़ एंड मीन्स एडवांस योजना 1997 में शुरू की गई थी।
  • वेज़ एंड मीन्स एडवांस योजना सरकार की प्राप्तियों और भुगतानों में बेमेल को पूरा करने के लिए पेश की गई थी।
  • जरूरत पड़ने पर सरकार RBI से तत्काल नकदी ले सकती है। लेकिन उसे 90 दिनों के भीतर राशि वापस करनी होगी। इस उधार पर ब्याज मौजूदा रेपो दर पर लगाया जाता है।
  • यदि WMA 90 दिनों से अधिक हो जाता है, तो इसे ओवरड्राफ्ट के रूप में माना जाएगा (ओवरड्राफ्ट पर ब्याज दर रेपो दर से 2 प्रतिशत अंक अधिक है)।
  • विशेष WMA या विशेष आहरण सुविधा (Special Drawing Facility: SDF) राज्य द्वारा धारित सरकारी प्रतिभूतियों की जमानती के विरुद्ध प्रदान की जाती है।
  • राज्य द्वारा SDF की सीमा समाप्त होने के बाद, इसे नार्मल WMA प्राप्त होता है।
  • SDF के लिए ब्याज दर रेपो दर से एक प्रतिशत अंक कम है। सामान्य WMA के तहत ऋणों की संख्या राज्य के वास्तविक राजस्व और पूंजीगत व्यय के तीन साल के औसत पर आधारित है।

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