विश्व बैंक की ग्लोबल फाइंडेक्स 2021 रिपोर्ट
विश्व बैंक की ग्लोबल फाइंडेक्स 2021 (Global Findex 2021) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत उन सात देशों में शामिल है जहां दुनिया के 1.4 अरब वयस्कों में से आधे औपचारिक बैंकिंग तक पहुंच के बिना रहते हैं। जिन लोगों का किसी वित्तीय संस्थान या मोबाइल मनी सेवा प्रदाता में खाता नहीं है, उन्हें बैंक रहित के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021 में, दुनिया भर में 76 प्रतिशत वयस्कों का किसी न किसी वित्तीय संस्थान में या मोबाइल मनी प्रदाता के माध्यम से खाता खुला था, जो 2011 में 51 प्रतिशत था।
विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में खाता स्वामित्व पिछले कुछ वर्षों में 63 प्रतिशत से बढ़कर 71 प्रतिशत हो गया है, क्योंकि पहुंच में वृद्धि हुई है।
दर्जनों विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में हाल में खाता स्वामित्व बढ़ा है जबकि 2011 से 2017 के बीच ज्यादातर वृद्धि चीन या भारत में देखी गयी।
उप-सहारा अफ्रीका में, मोबाइल मनी ने बड़े पैमाने पर खाते के स्वामित्व में वृद्धि की है ।
विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में खाता स्वामित्व में लैंगिक अंतर 9 प्रतिशत अंक से गिरकर 6 प्रतिशत अंक हो गया है।
डेटा से पता चलता है कि विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में 74 प्रतिशत पुरुषों लेकिन केवल 68 प्रतिशत महिलाओं के पास खाता था।
विश्व स्तर पर, 78 प्रतिशत पुरुषों और 74 प्रतिशत महिलाओं का खाता था—जो 4 प्रतिशत अंकों का लिंग अंतर दर्शाता है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उप-सहारा अफ्रीका में, युवा वयस्क (15-24 वर्ष की आयु) उन लोगों में से लगभग 40 प्रतिशत हैं जिनकी बैंकिंग तक पहुंच नहीं है।
लेकिन कुछ यूरोपीय और मध्य एशियाई देशों में, वृद्ध वयस्कों की पहुंच कम होने की संभावना अधिक होती है।
औपचारिक बैंकिंग के बिना वैश्विक आबादी का बड़ा हिस्सा (क्रमशः 130 मिलियन और 230 मिलियन) भारत और चीन में उनके आकार के कारण रहता है।
ग्लोबल फाइंडेक्स डेटाबेस 2021 में यह भी पाया गया कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं के बैंक रहित होने की संभावना अधिक है। ब्राजील, चीन, केन्या, रूस और थाईलैंड में अपेक्षाकृत उच्च खाता स्वामित्व दर है, फिर भी अधिकांश बैंक रहित महिलाएं हैं।
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