वर्ष 2030 तक पर्यटन के द्वारा भारत की जीडीपी में 250 अरब डालर योगदान का लक्ष्य
केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी की उपस्थिति में 20 सितंबर को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में राज्य पर्यटन मंत्रियों का तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न हुआ। 12 राज्यों मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, हरियाणा, मिजोरम, ओडिशा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश के पर्यटन मंत्रियों ने सम्मेलन में भाग लिया।
सम्मेलन के मुख्य निष्कर्ष
पर्यटन स्थलों को बेहतर बनाने और बढ़ावा देने के लिए राज्यों को अपने स्तर पर विभिन्न विभागों के जिला अधिकारियों और हितधारकों के साथ इस तरह के सम्मेलन आयोजित करने चाहिए।
पर्यटन स्थलों पर राष्ट्रीय ध्वज स्थापित किए जाएंगे।
भारत मुख्य रूप से घरेलू पर्यटन के माध्यम से दुनिया भर के टूरिज्म सेक्टर की रिकवरी में योगदान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
राष्ट्रीय पर्यटन नीति का मसौदा भारत के पर्यटन को पुनर्जीवित करने के लिए एक समग्र दृष्टि और रणनीति के साथ तैयार किया गया है और 2047 में इस क्षेत्र द्वारा 1 लाख करोड़ डालर के स्तर तक पहुंचने का लक्ष्य है।
पर्यटन मंत्रालय जिम्मेदार और लंबे समय तक बने रहने वाले पर्यटन स्थलों को विकसित करने का मार्ग भी प्रशस्त कर रहा है।
भारत सरकार पर्यटन में MSME का समर्थन करना जारी रखेगी और इस क्षेत्र में रोजगार सृजन की संभावनाओं का पूरा फायदा उठाना जारी रखेगी।
भारत 2023 में G20 की अध्यक्षता के दौरान खुद को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने की योजना बना रहा है।
वीजा से जुड़े सुधार, यात्रा में आसानी, हवाई अड्डों पर यात्री अनुकूल आप्रवासन सुविधाएं और अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए खुले नियमों सहित आवश्यक कदम उठाने की योजना बनायी जा रही है।
वर्ष 2024 के मध्य तक महामारी के पहले के स्तर तक रिकवर होने का प्रयास किया जा रहा है।
देश को वर्ष 2024 तक 1.5 करोड़ विदेशी यात्रियों के आगमन, सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन से 50 अरब डालर के और विदेशी मुद्रा आय में 30 अरब डालर के योगदान का अनुमान है।
आने वाले दशक में भारत के 7-9 प्रतिशत चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ने का अनुमान है और 2030 तक पर्यटन से GDP में 250 अरब डालर, विदेशी मुद्रा आय में 56 अरब डालर के योगदान, पर्यटन क्षेत्र में 13.7 करोड़ नौकरियां और 2.5 करोड़ विदेशी पर्यटकों के आगमन के स्तर को हासिल किया जाना है।
वर्ष 2047 तक पर्यटन क्षेत्र में भारत की स्थिति सबसे अग्रणी देशों में सुनिश्चित करने के लिए इन लक्ष्यों और प्रतिबद्धताओं के अनुरूप योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की गयी है।
पर्यटन क्षेत्र में की गयी प्रमुख पहलें
पर्यटन मंत्रालय ने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ समारोह के हिस्से के रूप में ‘युवा पर्यटन क्लब’ स्थापित करने की पहल की है। युवा पर्यटन क्लब का उद्देश्य भारतीय पर्यटन के युवा राजदूतों को प्रोत्साहित व उनका विकास करना है।
पर्यटन मंत्रालय ने अपनी स्वदेश दर्शन योजना के तहत देश में पर्यटन के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 5399.15 करोड़ रुपये की लागत वाली 76 परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
सरकार ग्रामीण पर्यटन पर विशेष ध्यान दे रही है- यह उन क्षेत्रों में से एक है जिसमें भारत उत्कृष्टता हासिल कर सकता है। हाल ही में, तेलंगाना के पोचमपल्ली गांव को संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन द्वारा अपने शिल्प, सुधारों और ऐतिहासिक महत्व के लिए सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों में से एक चुना गया था।