वर्ष 2021-22 में प्रति दिन औसतन 90 लाख से ज्यादा DBT भुगतान ट्रांसफर किये गए

वर्ष 2013 के बाद से 24.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक डीबीटी (Direct Benefit Transfer: DBT) के माध्यम से हस्तांतरित किए गए हैं, इसमें से अकेले वित्त वर्ष 2021-22 में ₹6.3 लाख करोड़ हस्तांतरित किए गए; प्रतिदिन (वित्त वर्ष 2021-22 में) औसतन 90 लाख डीबीटी भुगतान से ज्यादा किए गए हैं।

पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 11वीं किस्त के तहत, लगभग ₹20,000 करोड़ रुपये सीधे 10 करोड़ से अधिक लाभार्थियों के बैंक खातों में हस्तांतरित किए गए (एक दिन में एक बटन के क्लिक पर 10 करोड़ से अधिक लेनदेन)।

जहां तक ​​डिजिटल भुगतान का संबंध है, 2021-22 के दौरान 8,840 करोड़ से अधिक और वित्त वर्ष 2022-23 में (24 जुलाई 2022 तक) लगभग 3,300 करोड़ डिजिटल भुगतान के लेनदेन किए गए; एक दिन में औसतन 28.4 करोड़ डिजिटल लेनदेन किए गए।

डिजिटल एसेट्स (DBT, JAM त्रिमूर्ति, NPCI आदि) के निर्माण में भारत की यह सफलता की कहानी एक उदाहरण हो सकती है जिससे न केवल ‘विकासशील’ बल्कि ‘विकसित’ देश भी सीख सकते हैं। जेएएम त्रिमूर्ति (JAM trinity) में जन-धन, आधार और मोबाइल शामिल किया जाता है।

प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) 1 जनवरी 2013 को शुरू हुआ था।

इसे सूचना/धन के सरल और तेज प्रवाह के लिए कल्याणकारी योजनाओं में मौजूदा प्रक्रिया में सुधार करके सरकारी वितरण प्रणाली में सुधार के उद्देश्य से और लाभार्थियों के सटीक लक्ष्यीकरण को सुनिश्चित करने के लिए, डी-डुप्लीकेशन और धोखाधड़ी में कमी के लिए शुरू किया गया था।

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