लिविंग प्लैनेट रिपोर्ट-लिविंग प्लैनेट इंडेक्स 2022

वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF) द्वारा 13 अक्टूबर, 2022 को लिविंग प्लैनेट रिपोर्ट (Living Planet Report) जारी की गई थी।

रिपोर्ट के मुख्य तथ्य

रिपोर्ट के अनुसार पिछले 50 सालों में दुनिया भर में स्तनधारियों, पक्षियों, उभयचरों, सरीसृपों और मछलियों की वाइल्ड संख्या में में 69 प्रतिशत की गिरावट आई है।

सबसे ज्यादा गिरावट (94 फीसदी) लैटिन अमेरिका और कैरिबियाई क्षेत्र में रही। अफ्रीका ने 1970-2018 तक अपनी वन्यजीव आबादी में 66 प्रतिशत और एशिया प्रशांत क्षेत्र में 55 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की।

विश्व स्तर पर मीठे पानी की प्रजातियों की आबादी में 83 प्रतिशत की कमी आई है, जो इस बात की पुष्टि करता है कि पृथ्वी “जैव विविधता और जलवायु संकट” का सामना कर रही है।

पर्यावास की हानि और प्रवास के मार्ग में आने वाली बाधाएं निगरानी की गई माइग्रेट करने वाली मछली प्रजातियों के लिए लगभग आधे खतरों के लिए जिम्मेदार थीं।

WWF ने जैव विविधता के लिए छह प्रमुख खतरों की पहचान की है। ये हैं- कृषि, शिकार, लॉगिंग, प्रदूषण, आक्रामक प्रजातियां और जलवायु परिवर्तन

लिविंग प्लैनेट इंडेक्स 2022

उपर्युक्त रिपोर्ट के साथ WWF ने लिविंग प्लैनेट इंडेक्स (Living Planet Index: LPI) 2022 भी जारी किया।

इसमें दुनिया भर में 5,230 प्रजातियों की लगभग 32,000 आबादी शामिल है।

इंडेक्स के मुताबिक दुनिया के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में कशेरुक (vertebrate) वन्यजीव आबादी विशेष रूप से चौंका देने वाली दर से घट रही है।

लिविंग प्लैनेट इंडेक्स (LIPI) स्थलीय, मीठे पानी और समुद्री पर्यावासों से कशेरुक प्रजातियों की संख्या प्रवृत्तियों के आधार पर दुनिया की जैविक विविधता की स्थिति का एक मापन है।

LPI को जैव विविधता कन्वेंशन (CBD) द्वारा 2011-2020 के लक्ष्यों की दिशा में प्रगति के संकेतक के रूप में अपनाया गया था।

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