लाइफ साइंसेज के जिम्मेदार उपयोग के लिए WHO ग्लोबल गाइडेंस फ्रेमवर्क
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 13 सितंबर को लाइफ साइंसेज के जिम्मेदार उपयोग के लिए ग्लोबल गाइडेंस फ्रेमवर्क (Global guidance framework for the responsible use of the life sciences) जारी किया है।
फ्रेमवर्क की मुख्य विशेषताएं
यह राष्ट्रीय फ्रेमवर्क के विकास और बायोरिस्क (जैव खतरों) को कम करने और दोहरे उपयोग वाले अनुसंधान (dual-use research) को शासित करने वाला पहला वैश्विक, तकनीकी और मानक फ्रेमवर्क है।
इसका उद्देश्य लाइफ साइंसेज और संबंधित प्रौद्योगिकियों द्वारा पेश किए गए वैश्विक स्वास्थ्य में सुधार के नए और बेहतर तरीकों को सुरक्षित रूप से अनलॉक करना है।
यह फ्रेमवर्क लीडर्स और अन्य स्टेकहोल्डर्स से बायोरिस्क को कम करने और ड्यूल यूज़ वाले रिसर्च को सुरक्षित रूप से शासित करने का आह्वान करता है।
ड्यूल यूज़ वाले रिसर्च के लाभ हैं परंतु इनका दुरुपयोग मनुष्यों, अन्य जानवरों, कृषि और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जा सकता है।
इस फ्रेमवर्क का उद्देश्य बायोरिस्क प्रबंधन के विकास और मजबूती के लिए प्रारंभिक बिंदु के रूप में है, जो तीन मुख्य स्तंभों पर निर्भर करता है: बायो-सेफ्टी, लैब बायो-सेफ्टी और ड्यूल यूज़ वाले रिसर्च की निगरानी।
विभिन्न देशों के स्वास्थ्य मंत्रालयों को अन्य प्रमुख स्टेकहोल्डर्स के साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, कृषि, पर्यावरण और रक्षा सहित अन्य मंत्रालयों के साथ काम करने के लिए कहा गया है, ताकि स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर लाइफ साइंसेज द्वारा उत्पन्न खतरों का आकलन किया जा सके और इन खतरों को रोकने के लिए उचित उपायों की पहचान की जा सके ताकि बायोरिस्क और ड्यूल यूज़ वाले रिसर्च के प्रशासन को मजबूत किया जा सके।
यह फ्रेमवर्क निम्न और मध्यम आय वाले देशों (LMICs) को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करने और लाइफ साइंसेज को आगे बढ़ाने और नियंत्रित करने के अवसरों के माध्यम से अपने वैज्ञानिकों को सशक्त बनाने का आह्वान करता है।
क्या है लाइफ साइंसेज?
लाइफ साइंसेज में वे सभी विज्ञान शामिल हैं जो सजीव जीवों से संबंधित हैं, जिनमें मानव, गैर-मानव जानवर, पौधे और कृषि, और पर्यावरण, या सजीव जीवों के उत्पाद शामिल हैं या जो सजीव जीवों से सीधे या कृत्रिम रूप से प्राप्त घटकों को शामिल करते हैं।
लाइफ साइंसेज में जीव विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी, जीनोमिक्स, प्रोटिओमिक्स, बायोइन्फरमेटिक्स, फार्मास्युटिकल्स और जैव चिकित्सा अनुसंधान और प्रौद्योगिकियां शामिल हैं।
लाइफ साइंसेज तेजी से अन्य क्षेत्रों जैसे कि रसायन विज्ञान, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और नैनो प्रौद्योगिकी के साथ आगे बढ़ रहा है, जो खतरों को बढ़ा देता है, जिसमें कई क्षेत्रों और विषयों के छूटने की संभावना अधिक होती है।