रेत समाधि-इंटरनेशनल बुकर प्राइज की लंबी सूची में शामिल
लेखक गीतांजलि श्री के उपन्यास ‘रेत समाधि’ (Ret Samadhi) ने इंटरनेशनल बुकर प्राइज की लंबी सूची में अपना नाम दर्ज कराकर पूरे विश्व का ध्यान हिंदी साहित्य की तरफ आकर्षित किया है।
- हिंदी की यह पहली किताब है जो इस इंटरनेशनल बुकर प्राइज की सूची में शामिल की गई है।
- राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित ‘रेत समाधि’ का अंग्रेजी अनुवाद ‘टॉम्ब ऑफ़ सैंड’ शीर्षक से डेजी रॉकवेल ने किया है।
- इस अनुवाद को ही इस वर्ष के इंटरनेशनल बुकर प्राइज की लॉन्ग लिस्ट में शामिल किया गया है।
- यह उपन्यास एक 80 वर्षीय महिला की कहानी है जो अपने पति की मृत्यु के बाद बेहद उदास रहती है। आखिरकार, वह अपने अवसाद पर काबू पाती है और विभाजन के दौरान पीछे छूट गए अतीत की कड़ियों को जोड़ने के लिए पाकिस्तान जाने का फैसला करती है।
- इंटरनेशनल बुकर प्राइज अंग्रेजी में अनूदित और ब्रिटेन या आयरलैंड में प्रकाशित किसी पुस्तक को प्रति वर्ष दिया जाता है। 50,000 पौंड की पुरस्कार राशि लेखक और अनुवादक के बीच बराबर वितरित की जाती है।
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