राष्ट्रीय स्वचालित फिंगरप्रिंट पहचान प्रणाली (NAFIS)
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने 17 अगस्त को नई दिल्ली में दो दिवसीय राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति (National Security Strategies: NSS) सम्मेलन 2022 का उद्घाटन किया। सम्मेलन के दौरान, केंद्रीय गृह मंत्री ने राष्ट्रीय स्वचालित फिंगरप्रिंट पहचान प्रणाली (National Automated Fingerprint Identification System: NAFIS) भी लॉन्च किया।
राष्ट्रीय स्वचालित फिंगरप्रिंट पहचान प्रणाली (NAFIS)
गृह मंत्रालय के अनुसार, NAFIS, जिसे राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा विकसित किया गया है, एक केंद्रीकृत फिंगरप्रिंट डेटाबेस की मदद से मामलों के त्वरित और आसान निपटान में मदद करेगा।
अप्रैल 2022 में, मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बना जिसने NAFIS के माध्यम से एक मृत व्यक्ति की पहचान की।
नई दिल्ली में केंद्रीय फिंगरप्रिंट ब्यूरो (CFPB) में NCRB द्वारा परिकल्पित और प्रबंधित, राष्ट्रीय स्वचालित फिंगरप्रिंट पहचान प्रणाली (NAFIS) परियोजना अपराध और आपराधिक-संबंधित उंगलियों के निशान का एक देशव्यापी खोज योग्य डेटाबेस है।
वेब-आधारित एप्लिकेशन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के फिंगरप्रिंट डेटा को समेकित करके केंद्रीय सूचना भंडार (central information repository) के रूप में कार्य करता है।
NCRB की 2020 की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह कानून प्रवर्तन एजेंसियों को 24×7 आधार पर रियल टाइम में डेटाबेस से डेटा अपलोड, ट्रेस और फिर से प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।
NAFIS किसी अपराध के लिए गिरफ्तार किए गए प्रत्येक व्यक्ति को एक यूनिक 10-डिजिट का राष्ट्रीय फ़िंगरप्रिंट नंबर (NFN) प्रदान करता है। इस यूनिक आईडी का इस्तेमाल व्यक्ति के जीवन भर के लिए किया जाएगा और अलग-अलग एफआईआर के तहत दर्ज किए गए अलग-अलग अपराधों को एक ही NFN से जोड़ा जाएगा।
वर्ष 2020 की रिपोर्ट में कहा गया है कि आईडी के पहले दो अंक उस राज्य कोड के होंगे जिसमें अपराध के लिए गिरफ्तार किया गया व्यक्ति पंजीकृत है, उसके बाद एक क्रम संख्या होगी।