राष्ट्रीय सागरमाला शीर्ष समिति (NSAC) की बैठक

सागरमाला कार्यक्रम की सफलता के आधार पर, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने “तटीय जिलों के समग्र विकास” के लिए सागरमाला कार्यक्रम के अंतर्गत एक योजना तैयार की है।

  • राष्ट्रीय सागरमाला शीर्ष समिति (National Sagarmala Apex Committee: NSAC) की बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि हितधारकों के साथ कई परामर्शों के बाद, मंत्रालय ने कन्वर्जेन्स मोड के अंतर्गत कुल 567 परियोजनाओं की पहचान की है, जिसकी अनुमानित लागत 58,700 करोड़ रुपये है।
  • तटीय जिलों के समग्र विकास में पहचानी गई परियोजनाओं और सागरमाला परियोजना के अंतर्गत प्राप्त नई योजनाओं के प्रस्तावों के साथ, कुल परियोजनाओं की संख्या 1537 है और इन पर कुल 6.5 लाख करोड़ रुपये की लागत आएगी।

राष्ट्रीय सागरमाला शीर्ष समिति (NSAC)

  • राष्ट्रीय सागरमाला शीर्ष समिति (NSAC) का गठन 13.05.2015 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा किया गया था और इसकी अध्यक्षता पत्तन, पोतपरिवहन और जलमार्ग मंत्री करते हैं, जिसमें हितधारक केंद्रीय मंत्रालयों के कैबिनेट मंत्री और समुद्र तटीय राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री और प्रशासक सदस्य होते हैं।

सागरमाला

  • सागरमाला बंदरगाह आधारित परियोजना है और आवागमन लागत में कमी और आयात-निर्यात प्रतिस्पर्धा पर ध्यान केंद्रित करती है।
  • इसके अंतर्गत तटीय जिलों के समग्र विकास का उद्देश्य तटीय क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे में मौजूद अंतराल को पाटना और आर्थिक अवसर में सुधार करना है।
  • सागरमाला कार्यक्रम मार्च 2015 में बंदरगाहों के आधुनिकीकरण और नए बंदरगाहों के विकास, बंदरगाहों की कनेक्टिविटी बढ़ाने, बंदरगाह आधारित औद्योगिकरण और तटीय कम्युनिटी के विकास को प्राप्त करने के उद्देश्यों के साथ शुरू किया गया था।

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