राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा जागरूकता मिशन (NIPAM)

राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा जागरूकता मिशन (National Intellectual Property Awareness Mission: NIPAM) ने 15 अगस्त, 2022 की निर्धारित समय सीमा से पहले 31 जुलाई, 2022 को ही 1 मिलियन छात्रों को बौद्धिक संपदा (आईपी) जागरूकता और प्राथमिक प्रशिक्षण प्रदान करने का लक्ष्य हासिल कर लिया है।

निपम/NIPAM, बौद्धिक सम्पदा (IP) जागरूकता और बुनियादी प्रशिक्षण प्रदान करने का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसे 8 दिसंबर 2021 को “आजादी का अमृत महोत्सव” समारोह के एक भाग के रूप में शुरू किया गया था।

यह कार्यक्रम बौद्धिक संपदा कार्यालय, पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क महानियंत्रक कार्यालय (सीजीपीडीटीएम) एवं वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा लागू किया जा रहा है।

बौद्धिक संपदा को बढ़ावा देने की प्रमुख पहल

पूर्व राष्ट्रपति और जाने माने वैज्ञानिक स्वर्गीय डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की 89वीं जयंती पर 15 OCT 2020 को बौद्धिक संपदा साक्षरता और जागरूकता अभियान ‘कपिला’ कलाम का शुभारंभ किया गया था।

बौद्धिक संपदा को बढ़ावा देने की प्रमुख पहल में से एक शुल्क रियायतें भी रही हैं जैसे कि ऑनलाइन फाइलिंग पर 10% की छूट, स्टार्ट-अप और छोटी संस्थाओं के लिए 80% की शुल्क रियायत आदि। उन्‍होंने कहा कि आईपीआर फाइलिंग प्रक्रियाएं अब ज्यादा संक्षिप्त, समयबद्ध, उपयोगकर्ता के अनुकूल और ई-लेनदेन के लिए संगत बन गई हैं।

वर्ष 2016 में जब से सरकार ने बौद्धिक संपदा नीति अपनाई है, सात वर्षों की समय अवधि में पेटेंट को मंजूरी दिए जाने की संख्या में पांच गुना बढ़ोतरी हो गई है।

सरकार ने देश की IPR (बौद्धिक संपदा अधिकार) व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने के लिए ट्रेडमार्कों तथा पेटेंटों के लिए प्रारूपों की संख्या में कमी लाने सहित उपायों की एक श्रृंखला आरंभ की है। ट्रेडमार्कों में 74 फॉर्म हुआ करते थे, लेकिन अब उन्हें कम करके केवल आठ कर दिया गया है और इसी प्रकार पेटेंटों के लिए सभी प्रकार के फॉर्म को समाप्त कर दिया है और इसके लिए केवल एक ही फॉर्म है।

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