राष्ट्रपति चुनाव में एक सांसद के वोट का मूल्य 708 से घटकर 700 हो जाने की संभावना है

जुलाई 2022 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में एक सांसद के वोट का मूल्य जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की अनुपस्थिति के कारण 708 से घटकर 700 हो जाने की संभावना है। राष्ट्रपति चुनाव में एक सांसद के वोट का मूल्य दिल्ली, पुडुचेरी और जम्मू और कश्मीर सहित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं में निर्वाचित सदस्यों की संख्या पर आधारित होता है।

  • राष्ट्रपति चुनाव के लिए इलेक्टोरल कॉलेज में लोकसभा और राज्यसभा और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं के सदस्य शामिल होते हैं।
  • अगस्त 2019 में लद्दाख और जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित होने से पहले, जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राज्य में 83 विधानसभा सीटें थीं। जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में एक विधानसभा होगी, जबकि लद्दाख पर सीधे केंद्र का शासन होगा।
  • सरकार ने घोषणा की थी कि विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन के पूरा होने के बाद विधानसभा का चुनाव होगा।
  • 1997 के राष्ट्रपति चुनाव के बाद से एक सांसद के वोट का मूल्य 708 रहा है।

संविधान के अनुच्छेद 54 के तहत भारत के राष्ट्रपति का चुनाव एक इलेक्टोरल कॉलेज के सदस्यों द्वारा किया जाता है जिसमें शामिल होते हैं:

  • संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य,
  • राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य ,
  • राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और संघ शासित पुडुचेरी के विधानसभा के निर्वाचित सदस्य (70वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के अनुसार)।
  • संसद के किसी भी सदन या राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी सहित राज्य की विधानसभाओं के मनोनीत सदस्य (members nominated) इलेक्टोरल कॉलेज में शामिल होने के पात्र नहीं हैं।

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