रानीपुर वन्यजीव अभयारण्य-उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने राज्य के चौथे टाइगर रिजर्व की अधिसूचना को मंजूरी दी

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उत्तर प्रदेश (UP) कैबिनेट ने 27 सितंबर, 2022 को चित्रकूट जिले में रानीपुर वन्यजीव अभयारण्य (Ranipur Wildlife Sanctuary: RWS) में राज्य के चौथे टाइगर रिजर्व की अधिसूचना को मंजूरी दी।

राज्य कैबिनेट ने 1972 के वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम की धारा 38 (v) के तहत रानीपुर टाइगर रिजर्व की अधिसूचना को मंजूरी दी है।

यह बाघ अभयारण्य 529.89 वर्ग किलोमीटर (वर्ग किमी) में फैला होगा, जिसमें 299.58 वर्ग किमी बफर जोन और 230 वर्ग किमी कोर क्षेत्र होगा, जिसे पहले से ही 1977 में रानीपुर वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया था।

टाइगर रिजर्व में उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन हैं और यह बाघ, तेंदुए, लोथ भालू, चित्तीदार हिरण, सांभर, चिंकारा और कई पक्षियों और सरीसृपों जैसे जीवों का हैबिटैट है।

रानीपुर टाइगर रिजर्व (Ranipur Tiger Reserve) राज्य में दुधवा, पीलीभीत और अमनगढ़ (कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का बफर) टाइगर रिजर्व के बाद उत्तर प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व होगा।

यह राज्य के बुंदेलखंड क्षेत्र में भी पहला टाइगर रिजर्व होगा, जिसे वह पड़ोसी मध्य प्रदेश के साथ साझा करता है।

रानीपुर वन्यजीव अभयारण्य में फ़िलहाल कोई बाघ नहीं है। लेकिन इसके पगमार्क अक्सर वहां देखे जाते हैं क्योंकि पास के पन्ना रिजर्व के बाघ अक्सर यहां आते हैं।

दोनों संरक्षित क्षेत्र एक दूसरे से सिर्फ 150 किमी दूर हैं।

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) द्वारा भारत में बाघों, सह-शिकारियों और शिकार की स्थिति की रिपोर्ट के अनुसार, रानीपुर बाघों की आवाजाही के लिए एक महत्वपूर्ण गलियारा है।

वर्ष 2018 में NTCA द्वारा बाघों के अंतिम आकलन के दौरान रानीपुर वन्यजीव अभयारण्य में वन विभाग द्वारा कैमरा ट्रैपिंग कराया गया था। 12 बाघों के फोटो-कैप्चर से पता चला कि रानीपुर में तीन बाघ थे – एक नर और दो मादा।

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