राज्य सभा ने उत्तर प्रदेश के चार जिलों में गोंड समुदाय को ST को दर्जा देने वाला विधेयक पारित किया
राज्यसभा ने 14 दिसंबर, 2022 को एक विधेयक पारित किया जो उत्तर प्रदेश के चार जिलों में गोंड समुदाय (Gond community) को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने का प्रावधान करता है।
मुख्य तथ्य
संविधान (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति) आदेश (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2022, जिसे जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने 13 दिसंबर को पेश किया था, को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।
यह विधेयक उत्तर प्रदेश के चंदौली, कुशीनगर, संत कबीर नगर और संत रविदास नगर जिलों में गोंड समुदाय को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल करने और इन चार जिलों में समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) के रूप में मान्यता देने का प्रावधान करता है।
बिल को पहले 28 मार्च को लोकसभा में पेश किया गया था और 1 अप्रैल को पारित किया गया था।
अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के लिए मानदंड
गौरतलब है किसी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के लिए मानदंड लोकुर समिति (Lokur Committee) द्वारा निर्धारित किये गए हैं।
ये मानदंड निम्नलिखित हैं:
- समुदाय में आदिम लक्षण (primitive traits) मौजूद होने चाहिए;
- समुदाय की अपनी विशिष्ट संस्कृति (distinctive culture) होनी चाहिए;
- समुदाय एकांतवास् (isolation) में रह रहा हो;
- समुदाय की अलग-थलग जिंदगी (reclusiveness) हो; और
- पिछड़ापन (backwardness) मौजूद हो।