यूनाइटेड किंगडम में स्वाइन फ्लू H1N2 का मानव में संक्रमण का पहला मामला

हाल में, यूनाइटेड किंगडम में स्वाइन फ्लू के स्ट्रेन H1N2 का मानव में संक्रमण का पहला मामला दर्ज किया गया। यह एक स्वाइन फ्लू स्ट्रेन है जो 2005 से दुनिया भर में 50 लोगों में रिपोर्ट किया गया है।

H1N2 की पहचान  पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (PCR) टेस्ट और जीनोम सीक्वेंस के माध्यम से की गई।

स्वाइन इन्फ्लूएंजा सूअरों की एक श्वसन बीमारी है जो टाइप A इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होती है जो नियमित रूप से सूअरों में इन्फ्लूएंजा प्रकोप का कारण बनती है।

इन्फ्लूएंजा वायरस जो आमतौर पर सूअरों में फैलते हैं उन्हें “स्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस” या “स्वाइन फ्लू वायरस” कहा जाता है।

स्वाइन फ़्लू वायरस से मानव में भी संक्रमण होता है। पिछले 20 वर्षों में विश्व स्तर पर A(H1N2)v मानव संक्रमण के 50 मामले सामने आए हैं।

स्वाइन फ्लू आमतौर पर तीन स्ट्रेनके कारण होता है – H1N1, H1N2 और H3N2। ये कभी-कभी मनुष्यों को तब संक्रमित करते हैं, जब वे आमतौर पर सूअरों या इससे संक्रमित वातावरण के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क में आते हैं।

वर्ष  2009 की इन्फ्लूएंजा महामारी के लिए- H1N1  स्ट्रेन जिम्मेदार था जो अब मौसमी रूप से मनुष्यों में फैलता है और आज सूअरों में फैल रहे वायरस से अलग है।  

error: Content is protected !!