मानसून पूर्वानुमान और दीर्घावधि औसत (LPA)
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 14 अप्रैल को जारी इस साल के लिए अपने पहले लॉन्ग रेंज फोरकास्ट (LRF) में कहा कि भारत में लगातार चौथे साल नॉर्मल मॉनसून रहने की संभावना है। भारत में इस वर्ष दीर्घावधि औसत (long period average: LPA) की 99 फीसदी बारिश होगी।
- IMD की 14 अप्रैल को नॉर्मल मॉनसून का पूर्वानुमान 1971-2020 की अवधि की दीर्घावधि औसत (LPA) पर आधारित थी, जो कि 87 सेमी है। 2018 में LPA को 89 सेमी से 88 सेमी में बदल दिया गया था।
- मानसून को “सामान्य”/नॉर्मल माना जाता है जब वर्षा LPA के 96% और 104% के बीच होती है।
दीर्घावधि औसत (LPA)
- IMD 2,400 से अधिक स्थानों और 3,500 वर्षा-गेज स्टेशनों पर वर्षा के आंकड़े दर्ज करता है। वार्षिक वर्षा न केवल एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में और महीने से महीने में, बल्कि एक विशेष क्षेत्र या महीने के भीतर साल-दर-साल बहुत अलग-अलग हो सकती है। इन प्रवृत्तियों को सुचारू करने के लिए एक दीर्घावधि औसत (long period average: LPA) की आवश्यकता होती है ताकि एक सटीक पूर्वानुमान की जा सके।
- 50-वर्षीय LPA असामान्य रूप से उच्च या निम्न वर्षा (अल नीनो या ला नीना जैसी घटनाओं के परिणामस्वरूप) के साथ-साथ आवधिक सूखे वर्षों तथा जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली मौसमी घटनाएं को कवर कर ले।
- लंबी अवधि के औसत (LPA ) की परिभाषा को हर दशक में अद्यतन किया जाना था। 89-सेमी औसत की गणना 1951 से 2000 तक 50-वर्षीय औसत के आधार पर की गई थी; 1961 से 2010 की अवधि के लिए औसतन 88 सेमी; और इस वर्ष की LPA 1971 से 2020 की अवधि के औसत पर आधारित है।
वर्षा वितरण श्रेणियां:
- अधिक (Excess): वास्तविक वर्षा LPA के 110 प्रतिशत से अधिक,
- नार्मल से अधिक (Above normal): वास्तविक वर्षा LPA का 104-110% है;
- नॉर्मल: वास्तविक वर्षा LPA के 96-104% के बीच होती है;
- नॉर्मल से कम (Below normal): वास्तविक वर्षा LPA का 90-96% है;
- कमजोर (Deficient): वास्तविक वर्षा LPA के 90% से कम है।
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