मानव विकास सूचकांक (HDI) 2021 में भारत 132वें स्थान पर

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा जारी मानव विकास सूचकांक (HDI) 2021 में भारत 191 देशों में से 132वें स्थान पर है। यह सूचकांक मानव विकास रिपोर्ट (HDR) 2021/2022 का हिस्सा है। HDI 2020 में भारत की रैंक 131 थी।

रिपोर्ट के मुताबिक अधिकांश देशों ने अपने HDI मूल्य में गिरावट दर्ज की है।

भारत का HDR स्कोर 0.633 इसे मध्यम मानव विकास श्रेणी (medium human development category) में रखता है, जो 2018 में इसके 0.645 के मूल्य से कम है।

स्कोर में यह गिरावट COVID-19 महामारी के बाद से वैश्विक ट्रेंड के अनुरूप है, जिसके दौरान मानव विकास के मामले में 90% देश पिछड़ गए हैं। दुनिया भर में, 10 में से नौ देशों ने कई संकटों जैसे कि COVID-19, यूक्रेन में युद्ध और पर्यावरणीय चुनौतियों के कारण अपने मानव विकास प्रदर्शन में गिरावट देखी है। यह दर्शाता है कि वैश्विक स्तर पर मानव विकास 32 वर्षों में पहली बार ठप पड़ गया है।

मानव विकास सूचकांक में पहले स्थान पर स्विट्जरलैंड है। वर्ष 2020 में स्विट्जरलैंड तीसरे स्थान पर था। स्विट्जरलैंड के बाद आइसलैंड और नॉर्वे का स्थान है।

मानव विकास सूचकांक (HDI) की गणना कैसे की जाती है?

HDI मानव विकास के तीन बुनियादी आयामों में एक देश की औसत उपलब्धि को मापता है। ये तीन बुनियादी आयाम हैं: 1. एक लंबा और स्वस्थ जीवन (long and healthy life), 2. शिक्षा (education) और 3. एक सभ्य जीवन स्तर (decent standard of living)।

इसकी गणना अग्रलिखित चार संकेतकों का उपयोग करके की जाती है: 1. जन्म के समय जीवन प्रत्याशा ( life expectancy at birth), 2. स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष (mean years of schooling), 3. स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष (expected years of schooling) और 4. प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (Gross National Income per capita) ।

भारत का प्रदर्शन

HDI की हालिया गिरावट में एक बड़ा योगदान जीवन प्रत्याशा (life expectancy) में वैश्विक गिरावट है, जो 2019 में 72.8 साल से घटकर 2021 में 71.4 साल हो गया है।

भारत के मामले में, HDI में 2018 के 0.645 से 2021 में 0.633 तक की गिरावट को जन्म के समय गिरती जीवन प्रत्याशा के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है जो 70.7 वर्ष से घटकर 67.2 वर्ष हो गया है। यह कोविड का प्रभाव है।

भारत में स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष 11.9 वर्ष हैं, और स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष 6.7 वर्ष हैंGNI (सकल राष्ट्रीय आय) प्रति व्यक्ति 6,590 डॉलर है।

HDR रिपोर्ट में कहा गया है कि 3Is पर भारत की नीतियां (नवीकरणीय ऊर्जा से महामारी की तैयारी के लिए निवेश/investment; सामाजिक सुरक्षा सहित बीमा/insurance; और नवाचार/innovation) बाकी दुनिया के लिए मार्गदर्शन प्रदान करती है।

वैश्विक स्तर पर लैंगिक असमानता 6.7% बढ़ी है, और इसके लिए भी COVID-19 जिम्मेदार है।

हालांकि, 2019 और 2020 (0.486 बनाम 0.493) के बीच लैंगिक असमानता बिगड़ने के बाद, भारत ने 2020 के सूचकांक (0.493) की तुलना में नवीनतम रिपोर्ट में अपने लैंगिक असमानता सूचकांक मूल्य में थोड़ा सुधार (0.490) दिखाया है।

लैंगिक असमानता सूचकांक तीन आयामों में महिलाओं और पुरुषों के बीच उपलब्धि में असमानता को मापता है – प्रजनन स्वास्थ्य, सशक्तिकरण और श्रम बाजार।

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