मंगलयान ने मंगल की कक्षा में पूरे किए आठ साल
भारत के मार्स ऑर्बिटर मिशन (Mars Orbiter Mission: MOM) यानी मंगलयान का प्रणोदक/ईंधन खत्म हो गया है और इसकी बैटरी सुरक्षित सीमा से अधिक खत्म हो गई है, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि देश के पहले इंटरप्लेनेटरी मिशन मंगलयान ने आखिरकार अपनी लंबी पारी पूरी कर ली है।
मार्स ऑर्बिटर क्राफ्ट ने लगभग आठ वर्षों तक कार्य किया, जो इसके निर्धारित छह महीने के सेवाकाल से अधिक है।
इस बीच इसरो ने मार्स ऑर्बिटर मिशन के मंगल ग्रह की कक्षा में अपने आठ साल पूरे होने के अवसर पर 27 सितंबर, 2022 को एक दिवसीय राष्ट्रीय बैठक का आयोजन किया था।
450 करोड़ रूपये की लागत वाला मंगलयान 5 नवंबर, 2013 को PSLV-C25 से लॉन्च किया गया था, और इसरो MOM अंतरिक्ष यान को अपने पहले प्रयास में 24 सितंबर, 2014 को सफलतापूर्वक मंगल की कक्षा में प्रवेश करा दिया था।
मिशन के उद्देश्य मुख्य रूप से तकनीकी थे।
MOM अपने साथ मंगल की सतह के भूविज्ञान, आकृति विज्ञान, वायुमंडलीय प्रक्रियाओं, सतह के तापमान और वायुमंडलीय पलायन प्रक्रिया पर डेटा एकत्र करने वाले पांच वैज्ञानिक पेलोड (कुल 15 किग्रा) ले गया था।
ये पांच उपकरण हैं: मार्स कलर कैमरा (MCC), थर्मल इन्फ्रारेड इमेजिंग स्पेक्ट्रोमीटर (TIS), मंगल के लिए मीथेन सेंसर (MSM), मार्स एक्सोस्फेरिक न्यूट्रल कंपोजिशन एनालाइजर (MENCA) और लाइमैन अल्फा फोटोमीटर (LAP)।
मंगलयान ने 1000 से अधिक छवियों को कैप्चर किया है और एक मंगल एटलस प्रकाशित किया है।