भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम और भ्रामक विज्ञापनों के अनुमोदन के लिए दिशानिर्देश- 2022

उपभोक्ता मामले विभाग के तहत केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने और उन उपभोक्ताओं की रक्षा करने के उद्देश्य से ‘भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम और भ्रामक विज्ञापनों के अनुमोदन के लिए दिशानिर्देश- 2022’ (Guidelines for Prevention of Misleading Advertisements and Endorsements for Misleading Advertisements, 2022) को अधिसूचित किया है।

  • इसका उद्देश्य भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाना और ऐसे विज्ञापनों से शोषित या प्रभावित होने वाले उपभोक्ताओं की रक्षा करना है।
  • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 10 के तहत CCPA की स्थापना उपभोक्ताओं के अधिकारों के उल्लंघन, अनुचित व्यापार अभ्यासों और झूठे या भ्रामक विज्ञापनों, जो जनता व उपभोक्ताओं के हितों के प्रतिकूल हैं, से संबंधित मामलों को विनियमित करने और एक समूह के रूप में उपभोक्ताओं के अधिकारों को बढ़ावा देने, संरक्षित करने और लागू करने के लिए की गई है।
  • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 18 के अधीन सीसीपीए (Central Consumer Protection authority: CCPA) को प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए दिशानिर्देशों को अधिसूचित किया गया है। वहीं, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 2(28) के तहत भ्रामक विज्ञापन को पहले ही परिभाषित किया जा चुका है।

दिशानिर्देश

  • मौजूदा दिशानिर्देश “प्रलोभन विज्ञापन” (bait advertisement), “सरोगेट विज्ञापन” को परिभाषित करते हैं और स्पष्ट रूप से यह बताते हैं कि “मुक्त दावा विज्ञापन” क्या है।
  • “प्रलोभन विज्ञापन (bait advertisement) उपभोक्ताओं को किसी व्यवसाय की ओर आकर्षित करने के लिए कम कीमतों पर बिक्री के लिए वस्तुओं की पेशकश करने की प्रथा है।
  • सरोगेट विज्ञापन (surrogate advertisement) उन उत्पादों या सेवाओं के विज्ञापन को संदर्भित करता है, जिनका विज्ञापन अन्यथा कानून द्वारा प्रतिबंधित या निषिद्ध किया गया है।
  • ये दिशानिर्देश प्रलोभन, मुफ्त दावों और बच्चों के लक्षित विज्ञापनों के नियमन का प्रावधान करते हैं, वहीं यह सरोगेट विज्ञापनों को प्रतिबंधित करता है।
  • बच्चों को लक्षित करने वाले विज्ञापनों, जिसे किसी भी कानून के तहत ऐसे विज्ञापन के लिए स्वास्थ्य चेतावनी की आवश्यकता होती है या बच्चों द्वारा नहीं खरीदी जी सकती है, में उत्पादों के लिए खेल, संगीत या सिनेमा के क्षेत्र से किसी हस्ती को नहीं दिखाया जाएगा।
  • CCPA किसी भी भ्रामक विज्ञापन के लिए निर्माताओं, विज्ञापनदाताओं और प्रचारक (एंडोर्सर्स) पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगा सकता है।
  • इसके बाद फिर से उल्लंघन करने पर जुर्माने की यह राशि 50 लाख रूपये तक हो सकती है।
  • प्राधिकरण एक भ्रामक विज्ञापन के प्रचारक को 1 वर्ष तक के लिए कोई भी प्रचार करने से प्रतिबंधित कर सकता है और इसके बाद भी उल्लंघन के लिए निषेध की अवधि को 3 साल तक बढ़ाया जा सकता है।

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