भोगता समुदाय अनुसूचित जातियों की सूची से बाहर
लोकसभा ने 1 अप्रैल को संविधान (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2022 पारित किया। राज्य सभा ने इसे 30 मार्च को पारित किया था।
- इस विधेयक के द्वारा संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 1950 में संशोधन किया गया है।
- संशोधन के द्वारा झारखंड में अनुसूचित जातियों की सूची से भोगता समुदाय (Bhogta community) को हटा दिया गया है जबकि राज्य में अनुसूचित जनजातियों की सूची में कुछ समुदायों को शामिल किया गया है।
- अपनी पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, भोगता लोग धर्म प्रचारकों और आदिवासी महिलाओं के संमिलन से निकले हैं। इन संमिलन से उत्पन्न बच्चे भोगता लोग बन गए, जिनमें से अधिकांश अब भारत के पूर्वी राज्यों झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और बिहार में रहते हैं।
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