भारत में 10 नई आर्द्रभूमियों को मिला रामसर स्थल का दर्जा, रामसर स्थलों की कुल संख्या 64 हुई
भारत में 10 नयी आद्रभूमियों (wetlands) को भी रामसर स्थल (Ramsar sites) का दर्जा दिया गया है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने ट्विट के जरिये इसकी जानकारी दी। 10 नई रामसर साइटों में शामिल हैं: तमिलनाडु में छह (6) स्थल और गोवा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और ओडिशा में प्रत्येक में एक (1) स्थल।
इस तरह भारत में अब रामसर स्थलों की कुल संख्या 64 हो गयी है जिसका कुल क्षेत्रफल 12,50,361 हेक्टेयर हो गया है। इन स्थलों को नामित करने से आर्द्रभूमियों के संरक्षण और प्रबंधन और उनके संसाधनों के बुद्धिमान उपयोग में मदद मिलेगी। भारत वर्ष 1971 में ईरान के रामसर में हस्ताक्षरित रामसर कन्वेंशन के पक्षकारों में से एक है। भारत ने 1 फरवरी 1982 को इस पर हस्ताक्षर किए थे।
रामसर स्थलों के रूप में नामित 10 नई आर्द्रभूमियां
S.No | आर्द्रभूमि का नाम | क्षेत्रफल (हेक्टेयर) | राज्य | आर्द्रभूमि दर्जा तिथि |
1 | कूनथनकुलम पक्षी अभ्यारण्य | 72.04 | तमिलनाडु | 08-11-2021 |
2 | सतकोसिया गॉर्ज | 98196.72 | ओडिशा | 12-10-2021 |
3 | नंदा झील | 42.01 | गोवा | 08-06-2022 |
4 | मन्नार की खाड़ी समुद्री बायोस्फीयर रिजर्व | 52671.88 | तमिलनाडु | 08-04-2022 |
5 | रंगनाथितु बी एस | 517.70 | कर्नाटक | 15-02-2022 |
6 | वेम्बन्नूर वेटलैंड कॉम्प्लेक्स | 19.75 | तमिलनाडु | 08-04-2022 |
7 | वेलोड पक्षी अभ्यारण्य | 77.19 | तमिलनाडु | 08-04-2022 |
8 | सिरपुर आर्द्रभूमि | 161 | मध्य प्रदेश | 07-01-2022 |
9 | वेदान्थंगल पक्षी अभ्यारण्य | 40.35 | तमिलनाडु | 08-04-2022 |
10 | उदयमार्थंदपुरम पक्षी अभयारण्य | 43.77 | तमिलनाडु | 08-04-2022 |
Total area of 10 wetlands | 1,51,842.41 | |||
TOTAL area of 64 Ramsar Sites in India (After designation of 10 more sites as above) | 12,50,361 |
भारत की रामसर आर्द्रभूमि
- भारत की रामसर आर्द्रभूमि 12,50,361 वर्ग किमी में फैली हुई है जो देश के कुल आर्द्रभूमि क्षेत्र का लगभग 10% ।
- किसी अन्य दक्षिण एशियाई देश में इतने उतने स्थल नहीं हैं, हालांकि इसका भारत की भौगोलिक चौड़ाई और उष्णकटिबंधीय विविधता से बहुत कुछ लेना-देना है।
- भारत से आकार में छोटे होने के बाद भी यूके (175 रामसर स्थल) और मेक्सिको (142 रामसर स्थल) जैसे देशों में सबसे अधिक रामसर स्थल हैं। वहीं में बोलीविया में रामसर कन्वेंशन के तहत संरक्षित क्षेत्र 1,48,000 वर्ग किमी में फैला है जो विश्व में सर्वाधिक है।
रामसर स्थल दर्जा का महत्व
- रामसर स्थल दर्जा मिलने से अतिरिक्त अंतरराष्ट्रीय फण्ड प्राप्त नहीं होता है, लेकिन राज्यों और केंद्र को यह सुनिश्चित करना होता है कि भूमि के इन इलाकों को संरक्षित किया जाए और अतिक्रमण से बचाया जाए। इस दर्जा को प्राप्त करने से स्थानीय पर्यटन क्षमता और इसकी अंतर्राष्ट्रीय दृश्यता में भी मदद मिलती है।
- वर्ष 1981 तक, भारत में 41 रामसर स्थल थे, हालांकि पिछले एक दशक में 23 नई साइटों को शामिल किया गया है।
- रामसर साइट होने के लिए, हालांकि, इसे 1971 के रामसर कन्वेंशन (ईरान) द्वारा परिभाषित नौ मानदंडों में से कम से कम एक को पूरा करना होता है। इन मानदंडों में शामिल हैं: यह क्षेत्र वल्नरेबल, एनडेंजर्ड, या क्रिटिकली एनडेंजर्ड प्रजातियों या एनडेंजर्ड पारिस्थितिक समुदायों का समर्थन करता हो, यदि यह नियमित रूप से 20,000 या अधिक जलपक्षियों को आश्रय प्रदान करता हो; या, मछलियों के आहार का एक महत्वपूर्ण स्रोत हो, या पक्षी प्रवास पथ पर मौजूद हो ।
आर्द्रभूमि: ‘लैंडस्केप के गुर्दे’ (kidneys of the landscape) के रूप में
- देश में एक स्वस्थ जैव विविधता के लिए आर्द्रभूमि अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, जहां वन फेफड़ों (forests act like lungs) की तरह कार्य करते हैं वहीं आर्द्रभूमि पर्यावरण को साफ करने के लिए गुर्दे (wetlands work like kidneys ) की तरह काम करते हैं।
- आर्द्रभूमि अनिवार्य रूप से ‘लैंडस्केप के गुर्दे’ (kidneys of the landscape) के रूप में कार्य करती है, तलछट को छानती और रोकती हैं, और इसे आर्द्रभूमि की बेसिन जमा करती हैं और पौधे इन पोषक तत्वों का उपयोग बढ़ने के लिए करते हैं ।