भारत ने UNSC में जैविक हथियार कन्वेंशन के अनुपालन पर जोर दिया
यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद् की बैठक में भारतीय दूत टीएस तिरुमूर्ति ने जैविक हथियार अभिसमय (Biological and Toxin Weapons Convention: BTWC) का पालन करने पर जोर दिया। भारतीय दूत ने ‘BTWC के पूर्ण और प्रभावी कार्यान्वयन’ का आह्वान किया।
- यह बैठक रूस के उस अनुरोध के बाद आयोजित हुई, जिसमें दावा किया गया कि अमेरिका युद्धग्रस्त देश में जैव-हथियार निर्माण में शामिल है। हालाँकि अमेरिका ने सिरे से इसे खारिज कर दिया।
जैविक हथियार अभिसमय ( BTWC)
- जैविक हथियार अभिसमय (Biological and Toxin Weapons Convention: BTWC) जैविक और विषाक्त हथियारों के विकास, उत्पादन, अधिग्रहण, हस्तांतरण, भंडारण और उपयोग को प्रभावी ढंग से प्रतिबंधित करता है।
- यह एक संधि है जो 1975 में लागू हुई थी।
- अमेरिका, रूस और यूक्रेन सहित कुल 183 देश संधि के पक्षकार हैं जो जैव हथियारों को गैरकानूनी घोषित करता है।
- यह सामूहिक विनाश के हथियारों (WMD) की एक पूरी श्रेणी पर प्रतिबंध लगाने वाली पहली बहुपक्षीय निरस्त्रीकरण संधि थी।
जैविक हथियार क्या हैं?
- जैविक हथियार (Biological weapons) वायरस, बैक्टीरिया, कवक, या अन्य विषाक्त पदार्थों जैसे सूक्ष्मजीव हैं जो मनुष्यों, जानवरों या पौधों में बीमारी और मृत्यु का कारण बनने के लिए जानबूझकर उत्पन्न और जारी किए जाते हैं।
- एंथ्रेक्स, बोटुलिनम टॉक्सिन और प्लेग जैसे जैविक एजेंट एक कठिन सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती पैदा कर सकते हैं, जिससे कम समय में बड़ी संख्या में मौतें हो सकती हैं, जबकि इसे रोकना मुश्किल हो सकता है।
- जैव आतंकवाद के हमलों का परिणाम महामारी भी हो सकता है, उदाहरण के लिए यदि इबोला या लासा वायरस को जैविक एजेंटों के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।