भारत के पहले स्वदेशी फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (PFBR) में “कोर लोडिंग” की शुरुआत

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 4 मार्च 2024 को तमिलनाडु के कलपक्कम में भारत के पहले स्वदेशी फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (Prototype Fast Breeder Reactor: PFBR) में “कोर लोडिंग” की शुरुआत का गवाह बने। यह भारत के तीन चरणों वाले न्यूक्लियर प्रोग्राम के दूसरे चरण में प्रवेश की शुरुआत है। यह 500 मेगावाट क्षमता का रिएक्टर है।

FBR कोर में नियंत्रण सबअसेंबली, ब्लैंकेट सब-असेंबली और फ्यूल सब-असेंबली शामिल हैं। रिएक्टर से उत्पन्न न्यूनतम परमाणु अपशिष्ट और आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं के साथ, फ़ास्ट ब्रीडर रिएक्टर (FBR) ऊर्जा का एक सुरक्षित, एफिसिएंटऔर स्वच्छ स्रोत प्रदान करेगा और नेट जीरो के लक्ष्य में योगदान देगा।

PFBR को MSME सहित 200 से अधिक भारतीय उद्योगों के महत्वपूर्ण योगदान के साथ भाविनी (BHAVINI) द्वारा पूरी तरह से स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया है।

एक बार चालू होने के बाद, भारत रूस के बाद वाणिज्यिक रूप से फास्ट ब्रीडर रिएक्ट ऑपरेशट करने वाला दूसरा देश होगा।

भारत ने तीन चरणों वाला परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम अपनाया है।

प्रथम चरण में, भारत ने विखंडनीय सामग्री (fissile material) के रूप में प्रेसराइज्ड हैवी वाटर रिएक्टरों (PHWRs) और प्राकृतिक यूरेनियम-238 (यू-238) का उपयोग किया, जिसमें यू-235 की बहुत कम मात्रा होती है।

PHWR विखंडनीय सामग्री के रूप में प्राकृतिक या कम एनरिच्ड U-238 का उपयोग करते हैं और बायप्रोडक्ट के रूप में Pu-239 का उत्पादन करते हैं।

फास्ट ब्रीडर रिएक्टर दूसरे चरण का परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम है।

ब्रीडर रिएक्टर एक परमाणु रिएक्टर है जो खपत से अधिक विखंडनीय सामग्री का उत्पादन करता है। ‘फ़ास्ट ब्रीडर रिएक्टर में, न्यूट्रॉन धीमा नहीं होते हैं, जिससे वे विशिष्ट विखंडन प्रतिक्रियाओं को जारी रह सकते हैं। यह दो सर्किटों में कूलैंट के रूप में तरल सोडियम का उपयोग करता है।

इसमें Pu-239 को अधिक U-238 के साथ मिक्स्ड ऑक्साइड में मिलाया जाता है और एक ब्लैंकेट के साथ एक नए रिएक्टर के कोर में लोड किया जाता है। यह एक ऐसी सामग्री है जिसके साथ कोर में विखंडन उत्पाद रिएक्शन करके अधिक Pu-239 उत्पन्न करते हैं।

इस तरह फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (FBR) शुरू में यूरेनियम-प्लूटोनियम मिश्रित ऑक्साइड (MOX) ईंधन का उपयोग करेगा। ईंधन कोर के आसपास का यूरेनियम-238 “ब्लैंकेट” अधिक ईंधन का उत्पादन करने के लिए परमाणु ट्रांसम्यूटेशन से गुजरेगा, जिससे इसे ‘ब्रीडर’ नाम मिलेगा।

इस चरण में ब्लैंकेट के रूप में थोरियम-232, जो अपने आप में एक विखंडनीय पदार्थ नहीं है, का उपयोग भी प्रस्तावित है। ट्रांसम्यूटेशन द्वारा, थोरियम विखंडनीय यूरेनियम-233 बनाएगा, जिसका उपयोग तीसरे चरण में ईंधन के रूप में किया जाएगा।

इस प्रकार FBR; कार्यक्रम के तीसरे चरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो अंततः भारत के प्रचुर थोरियम भंडार के पूर्ण उपयोग का मार्ग प्रशस्त करेगा।

PFBR एक ऐसी मशीन है जो जितना न्युक्लियर फ्यूल का खपत करती है, उससे अधिक न्युक्लियर फ्यूल का उत्पादन करती है।

PFBR एक एडवांस तीसरी पीढ़ी का रिएक्टर है जिसमें इन्हेरेंट सेफ्टी फीचर हैं जो आपात स्थिति की स्थिति में रिएक्टर को तुरंत और सुरक्षित रूप से बंद करना सुनिश्चित करती हैं।
चूंकि यह पहले चरण से ही उपयोग किए गए ईंधन का उपयोग करता है, इसलिए यह उत्पन्न होने वाले परमाणु कचरे में कमी के मामले में भी बड़ा लाभ प्रदान करता है।

परमाणु विखंडन (nuclear fission) में, परमाणु का नाभिक एक न्यूट्रॉन को अवशोषित करता है, अस्थिर करता है और कुछ ऊर्जा छोड़ते हुए दो भागों में टूट जाता है। यदि अस्थिर नाभिक अधिक न्यूट्रॉन छोड़ता है, तो रिएक्टर की फैसिलिटीज अधिक विखंडन रिएक्शन को प्रेरित करने के लिए उनका उपयोग करने का प्रयास करेंगी।

परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) ने दूसरे चरण के परमाणु कार्यक्रम को लागू करने के लिए 2003 में भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम लिमिटेड (भाविनी/BHAVIN) नामक एक स्पेशल पर्पज व्हीकल की स्थापना की।

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