भारत और खाड़ी सहयोग परिषद् (GCC) ने मुक्त व्यापार समझौता वार्ता दोबारा शुरू करने का निर्णय किया
भारत और खाड़ी सहयोग परिषद् (Gulf Cooperation Council: GCC) इस बात पर सहमत हुये हैं कि मुक्त व्यापार समझौता वार्ता (FTA) को औपचारिक रूप से दोबारा शुरू करने के लिये सभी कानूनी व तकनीकी आवश्यकताओं को जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाये।
FTA एक आधुनिक और समग्र समझौता है, जिसके दायरे में वस्तुओं और सेवाओं को रखा गया है। FTA से नये रोजगार पैदा होंगे, लोगों के रहन-सहन का स्तर बढ़ेगा और इससे भारत तथा सभी जीसीसी देशों में सामाजिक व आर्थिक अवसरों को विस्तार मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि GCC इस समय भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझीदार है।
वित्त वर्ष 2021-22 में इनके बीच होने वाला द्विपक्षीय व्यापार 154 अरब डॉलर था, जिसमें निर्यात लगभग 44 अरब डॉलर और आयात लगभग 110 अरब डॉलर (33.8 अरब डॉलर का गैर-तेल निर्यात और 37.2 अरब डॉलर गैर-तेल आयात) था।
भारत और GCC के बीच सेवाओं के द्विपक्षीय कारोबार वित्तवर्ष 2021-22 में लगभग 14 अरब डॉलर के बराबर रहा, जिसमें निर्यात 5.5 अरब अरब और आयात 8.3 अरब डॉलरथा।
GCC देश भारत के तेल आयात में लगभग 35 प्रतिशत और गैस आयात में 70 प्रतिशत का योगदान करते हैं। भारत खाड़ी देशों से मुख्य रूप कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस का आयात करता है, और मोती, कीमती और अर्द्ध कीमती जवाहरात का निर्यात करता है।
खाड़ी सहयोग परिषद् (GCC)
- GCC देश भारत के तेल आयात में लगभग 35 प्रतिशत और गैस आयात में 70 प्रतिशत का योगदान करते हैं।
- भारत खाड़ी देशों से मुख्य रूप कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस का आयात करता है, और मोती, कीमती और अर्द्ध कीमती जवाहरात का निर्यात करता है। गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (GCC) की स्थापना 25 मई 1981 को सऊदी अरब के रियाद में संपन्न एक समझौते द्वारा की गई थी।
- GCC में शामिल देश हैं; बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात।