भारतीय नौसेना एयर स्क्वाड्रन 316 (कोंडोर्स)
भारतीय नौसेना के दूसरे P-8I विमान स्क्वाड्रन, भारतीय नौसेना एयर स्क्वाड्रन 316 ( Indian Naval Air Squadron 316: INAS 316) को 29 मार्च को भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया गया । इसे आईएनएस हंसा, गोवा में आयोजित समारोह में शामिल किया गया।
- INAS 316 को ‘कोंडोर्स’ (Condors) नाम दिया गया है, जो विशाल पंखों की सहायता से उड़ने वाले पृथ्वी के सबसे बड़े पक्षियों में से एक हैं।
- इस स्क्वाड्रन के प्रतीक चिन्ह में समुद्र के विशाल नीले विस्तार में खोज करते हुए एक ‘कोंडोर’ को दर्शाया गया है।
- ‘कोंडोर्स’ को एक उत्कृष्ट संवेदी क्षमताओं, शक्तिशाली और तेज नाखूनों और बड़े विशाल पंखों के लिए जाना जाता है, जो वायुयान की क्षमताओं और स्क्वाड्रन की परिकल्पित भूमिकाओं का प्रतिरूपण है।
- INAS 316 बोइंग पी-8आई विमानों का संचालन करेगा, यह मल्टीरोल, लॉग रेंज टोही एंटी-सबमरीन वारफेयर (LRMR-ASW) विमान है, जिसे एयर-टू-शिप मिसाइलों और टॉरपीडो की श्रृंखला से लैस किया जा सकता है।
- यह ‘गेम चेंजर’ विमान समुद्री निगरानी और आक्रमण करने, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध मिशन, खोज और बचाव, वेपन प्लेटफार्मों के लिए लक्षित डेटा उपलब्ध कराने, भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के लिए महत्वपूर्ण निगरानी जानकारी प्रदान करने के लिए सक्षम मंच है।
- इस स्क्वाड्रन को विशेष रूप से ऑप्शन क्लॉज अनुबंध के तहत खरीदे गए चार नए पी-8आई विमानों के लिए तथा आईओआर में किसी खतरे का निवारण करने, पता लगाने और नष्ट करने के लिए नियुक्त किया गया है।
- भारतीय नौसेना का पहला P-8I स्क्वाड्रन नवंबर 2015 में तमिलनाडु के अरक्कोनम में INS राजाली में आठ विमानों के साथ स्थापित किया गया था।
- भारत जनवरी 2009 में P8I के लिए पहला अंतरराष्ट्रीय ग्राहक था, जब उसने आठ P-8I के लिए बोइंग के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। P-8 का संचालन यूएस नेवी, रॉयल ऑस्ट्रेलियन एयर फ़ोर्स, यूके की रॉयल एयर फ़ोर्स और रॉयल नॉर्वेजियन एयर फ़ोर्स द्वारा भी किया जा रहा है।
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