बेटियाँ बने कुशल: बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना में गैर-पारंपरिक आजीविका कौशल विकास जोड़ा गया

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MWCD) ने कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) तथा अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के साथ साझेदारी में 11 अक्टूबर 2022 को अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर यहां लड़कियों के लिए गैर-पारंपरिक आजीविका (NTL) पर एक अंतर-मंत्रालयी सम्मेलन “बेटियाँ बने कुशल” का आयोजन किया।

“बेटियाँ बने कुशल” कार्यक्रम का देशव्यापी दर्शकों के लिए सीधा प्रसारण किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत गैर-पारंपरिक आजीविका कौशल के परिचय और लड़कियों को कौशल सिखाने की दिशा में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के उल्लेख के साथ हुई।

इस अवसर पर नवाचार, उद्यमिता, STEM शिक्षा, नागरिक नेतृत्व और वित्तीय साक्षरता को प्रदर्शित करने वाली एक फिल्म प्रदर्शित की गई। NTL में लड़कियों की भागीदारी को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों और एनटीएल में लड़कियों की दीर्घकालिक भर्ती तथा स्थिरता सुनिश्चित करने के उपाय पर प्रकाश डाला गया।

‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ (Beti Bachao Beti Padhao: BBBP) योजना के मैंडेट का विस्तार करते हुए, केंद्र सरकार ने 11 अक्टूबर को अपने प्रमुख कार्यक्रम में गैर-पारंपरिक आजीविका (एनटीएल) विकल्पों में लड़कियों के कौशल को शामिल करने की घोषणा की

यह योजना अब माध्यमिक शिक्षा, विशेष रूप से STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित) विषयों में लड़कियों के नामांकन को बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित करेगी।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (एमडब्ल्यूसीडी), कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) तथा अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय (एमएमए) ने लड़कियों को कौशल प्रदान करने के लिए संयुक्त प्रतिबद्धता के रूप में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इसमें मंत्रालयों और विभागों के बीच तालमेल पर जोर दिया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किशोरी लड़की अपनी शिक्षा पूरी करें, अपने कौशल का निर्माण करें और विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग तथा गणित (एसटीईएम) सहित विविध पेशे के कार्यबल में प्रवेश करें, जहां लड़कियों का ऐतिहासिक रूप से कम प्रतिनिधित्व रहा है।

बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान 2015 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था।

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