बिहार ने साइक्लोपियन दीवार को विश्व धरोहर का दर्जा दिलवाने के लिए प्रस्ताव भेजा
हाल ही में, बिहार सरकार ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को 40 किमी लंबी साइक्लोपियन दीवार (Cyclopean wall) को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल (UNESCO World Heritage Site) में सूचीबद्ध करने के लिए एक नया प्रस्ताव भेजा है।
- प्राचीन शहर राजगीर को आक्रमणकारियों से बचाने के लिए तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से पहले साइक्लोपियन दीवार का निर्माण किया गया था।
- राजगीर के चारों ओर एक गढ़वाली इस दीवार के निशान मिले हैं। इस दीवार को बड़े पैमाने पर बिना डिज़ाइन किये गए पत्थरों से बनाया गया था, जिसकी चौड़ाई लगभग 14′ थी।
- प्राचीन ग्रीक दीवारों के साथ समानता के कारण इसे साइक्लोपियन दीवार कहा जाता है।
- पाली ग्रंथों के अनुसार गढ़वाले शहर राजगीर में प्रवेश करने के लिए 32 बड़े और 64 छोटे द्वार थे।
- रत्नागिरी पहाड़ी के साथ बनाई गयी इस प्राचीन विशाल दीवार का एक बड़ा हिस्सा अभी भी पहाड़ी के आधार से शुरू होकर पहाड़ी की ओर जाती है।
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