बासमती फसल सर्वेक्षण शुरू

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने 2022-2023 खरीफ फसल मौसम के दौरान जलवायु-आधारित उपज मॉडलिंग का उपयोग करके सुगंधित और लंबे अनाज चावल यानी बासमती चावल के रकबे का अनुमान लगाने, फसल के स्वास्थ्य और अपेक्षित उपज का आकलन करने के लिए बासमती फसल सर्वेक्षण (Basmati crop survey) शुरू किया है।

यह सर्वेक्षण बासमती निर्यात विकास फाउंडेशन (BEDF) के तहत किया जा रहा है, जो APEDA की एक शाखा है।

सर्वेक्षण मॉडल के अनुसार, सात बासमती उत्पादक राज्यों पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश (30 जिले) और जम्मू एवं कश्मीर के तीन जिले में जिला स्तर पर चयनित किसानों के नमूना समूह के आधार पर क्षेत्र आधारित और इसके साथ ही उपग्रह इमेजरी सर्वेक्षण किया जा रहा है।

बासमती चावल एक पंजीकृत भौगोलिक संकेत (GI) टैग वाला कृषि उत्पाद और वैश्विक बाजार में कमांड प्रीमियम उत्पाद है।

भारत ने पिछले तीन वर्षों में बासमती चावल का करीब 12 अरब अमेरिकी डॉलर का निर्यात किया है। वर्ष 2021-22 में भारत से सुगंधित लंबे अनाज वाले चावल यानी बासमती चावल के कुल पोत लदान में सऊदी अरब, ईरान, इराक, यमन, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, कुवैत, यूनाइटेड किंगडम, कतर और ओमान की हिस्सेदारी करीब 80 प्रतिशत है।

बासमती चावल भारत से निर्यात होने वाले सबसे बड़े कृषि उत्पादों में से एक है।

वर्ष 2020-21 के दौरान भारत ने 4.02 अरब अमेरिकी डॉलर के मूल्य के 4.63 मिलियन मीट्रिक टन बासमती चावल का निर्यात किया।

पिछले 10 वर्षों में, बासमती चावल का निर्यात दोगुना से अधिक हो गया है। वर्ष 2009-10 के दौरान बासमती चावल का निर्यात 2.17 मिलियन मीट्रिक टन दर्ज किया गया था।

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