प्रधानमंत्री में देश में निर्मित 5G टेस्ट-बेड देश को समर्पित किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 17 मई को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के रजत जयंती समारोह के अवसर पर स्वदेश में निर्मित 5G टेस्ट-बेड (country’s first 5G testbed) राष्ट्र को समर्पित किया है। 5G टेस्टबेड को IIT मद्रास के नेतृत्व में आठ संस्थानों द्वारा एक बहु-संस्थान सहयोगी परियोजना के रूप में विकसित किया गया है।

  • ये टेलिकॉम सेक्टर में क्रिटिकल और आधुनिक टेक्नॉलॉजी की आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक अहम कदम है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी के भारत में कनेक्टिविटी, देश की प्रगति की गति को निर्धारित करेगी। इसलिए हर स्तर पर कनेक्टिविटी को आधुनिक बनाना ही होगा।
  • उन्होंने कहा कि 5G टेक्नोलॉजी भी देश की गवर्नेंस में, इज ऑफ लिविंग, इज ऑफ डूइंग बिजनेस में सकारात्मक बदलाव लाने वाली है। इससे खेती, स्वास्थ्य, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक, हर सेक्टर में ग्रोथ को बल मिलेगा। इससे सुविधा भी बढ़ेगी और रोजगार के भी अनेक अवसर बनेंगे।
  • उन्होंने कहा कि 5G को तेजी से शुरू करने के लिए सरकार और उद्योग दोनों के प्रयासों की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 8 सालों में रीच, रिफॉर्म, रेगुलेट, रेस्पॉन्ड और रिवॉल्यूशनाइज के पंचामृत से टेलिकॉम सेक्टर में नई ऊर्जा का संचार किया गया है।
  • टेस्टबेड को लगभग ₹ 220 करोड़ की लागत से स्थापित किया गया है।
  • 5G टेस्टबेड की अनुपस्थिति में, स्टार्टअप और अन्य संस्थानों को 5G नेटवर्क की स्थापना के लिए अपने उत्पादों का परीक्षण और सत्यापन करने के लिए विदेश जाना पड़ता था।
  • परियोजना में भाग लेने वाले अन्य संस्थान हैं; IIT दिल्ली, IIT हैदराबाद, IIT बॉम्बे, IIT कानपुर, IISc बैंगलोर, सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (SAMEER) और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन वायरलेस टेक्नोलॉजी (CEWiT)। टेस्टबेड की सुविधा 5 अलग-अलग स्थानों पर उपलब्ध होगी।
  • प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक 6G दूरसंचार नेटवर्क के रोलआउट को लक्षित कर रहा है, जो दशक के अंत तक अल्ट्रा-हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।

5G और 6G में तुलना

  • 4G, 3G और 2G नेटवर्क की तुलना में 5G और 6G में तुलना तेजी से डेटा ट्रांसमिशन के लिए उच्च श्रेणी के वायरलेस स्पेक्ट्रम का उपयोग करते हैं।
  • 5G निम्न बैंड और उच्च बैंड फ्रीक्वेंसी के लिए आवंटित किया जाता है – क्रमशः सब -6 GHz (गीगाहर्ट्ज़) और 24.25 GHz से ऊपर।
  • वहीं 6G फ़्रीक्वेंसी रेंज 95 GHz से 3 THz (Terahertz) पर काम करेगा। चूंकि, दोनों में विभिन्न स्पेक्ट्रम का उपयोग किया जाता है, इसलिए 5G बनाम 6G तकनीक के अलग-अलग उपयोग हो सकते हैं।
  • टेराहर्ट्ज़ फ़्रीक्वेंसी बैंड पर काम करते हुए, 6G 1,000 गीगाबिट/सेकेंड की उच्चतम डेटा दर प्रदान करेगा, जिसमें 100 माइक्रोसेकंड से कम की वायु लेटेंसी होगी।
  • जब हम 5G बनाम 6G नेटवर्क स्पीड के बारे में बात करते हैं, तो 6G स्पीड 5G की तुलना में 100 गुना तेज होने की उम्मीद है, जिसमें विश्वसनीयता और व्यापक नेटवर्क कवरेज है।

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