प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (NLP) का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 17 सितंबर को विज्ञान भवन में राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (National Logistics Policy: NLP) का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने कहा लॉजिस्टिक लागत वर्तमान में 13-14 फीसदी है जिसे घटाकर सिंगल डिजिट में लाने का लक्ष्य रखना चाहिए।

राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति की आवश्यकता

राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति की आवश्यकता महसूस की गई क्योंकि भारत में अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में लॉजिस्टिक्स खर्च बहुत अधिक है।

घरेलू और निर्यात, दोनों बाजारों में भारतीय सामानों की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार के लिए लॉजिस्टिक्स लागत को कम करना अनिवार्य है। कम लॉजिस्टिक्स खर्च से अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में दक्षता सुधरती है, मूल्यवर्धन और उद्यम को प्रोत्साहन मिलता है।

राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति

राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति का विज़न त्वरित और समावेशी विकास के लिए देश में तकनीकी रूप से सक्षम, एकीकृत, लागत-कुशल, लचीला, टिकाऊ और विश्वसनीय लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम विकसित करना है।

यह नीति भारत में लॉजिस्टिक्स की लागत को 2030 तक वैश्विक बेंचमार्क की तुलना में कम करने की इच्छा रखती है, लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स रैंकिंग में 2030 तक शीर्ष 25 देशों में शामिल होने का प्रयास करती है, और एक कुशल लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम के लिए डेटा संचालित निर्णय समर्थन तंत्र का निर्माण करती है।

राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति एक व्यापक लॉजिस्टिक्स कार्य योजना (Comprehensive Logistics Action Plan: CLAP) के माध्यम से लागू की जाएगी।

CLAP के तहत प्रस्तावित उपायों को आठ प्रमुख कार्य क्षेत्रों में विभाजित किया गया है:

(i) एकीकृत डिजिटल लॉजिस्टिक्स सिस्टम,

(ii) भौतिक संपत्तियों का मानकीकरण और सेवा गुणवत्ता मानकों की बेंचमार्किंग

(iii) लॉजिस्टिक्स मानव संसाधन विकास और क्षमता निर्माण

(iv) राज्यों के साथ संपर्क

(v) ) एक्जिम (निर्यात-आयात) लॉजिस्टिक्स

(vi) सेवा सुधार ढांचा

(vii) कुशल लॉजिस्टिक्स के लिए क्षेत्रीय योजना

(viii) लॉजिस्टिक्स पार्क के विकास की सुविधा।

लॉजिस्टिक्स सुधार की दिशा में किये गए प्रयास

भारतीय बंदरगाहों की कुल क्षमता में काफी वृद्धि हुई है, कंटेनर जहाजों का औसत टर्नअराउंड 44 घंटे से घटकर 26 घंटे पर आ गया है।

निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 40 एयर कार्गो टर्मिनलों का निर्माण किया गया है।

30 हवाई अड्डों पर कोल्ड स्टोरेज की सुविधा मुहैया कराई गई है। देशभर में 35 मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स हब भी बनाए जा रहे हैं।

जलमार्ग के जरिए पर्यावरण के अनुकूल और कम खर्च में परिवहन कर सकते हैं, इसके लिए देश में कई नए जलमार्ग भी बन रहे हैं। आज 60 हवाई अड्डों पर कृषि उड़ान की सुविधा उपलब्ध है।

सरकार ने ई-संचित के माध्यम से पेपरलेस एग्जिम व्यापार प्रक्रिया, कस्टम्स में फेसलेस कर निर्धारण, ई-वे बिल का प्रावधान, फास्टैग आदि ने लॉजिस्टिक्स क्षेत्र की क्षमता काफी बढ़ा दी है।

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